तीन गोलियों ने कर दिया 40 वर्ष की सियासत का अंत
- ग्राम वासियों के बीच लोकप्रिय व सादगी पसंद थे जागेश्वर - मेहनत व ईमानदारी के बूते बूथ से लेकर तय किया जिलास्तर राजनितिक सफरनामा
(जय प्रकाश पांडेय) अमेठी : रविवार की रात लोहे के तमंचे से निकली पीतल की तीन गोलियों ने पूर्व प्रधान व भाजपा के निष्ठावान नेता रहे जागेश्वर वर्मा की 40 साल की सियासत का अंत कर दिया। उसके साथ ही रमई गांव के सैकड़ों लोगों की उम्मीदों का भी कत्ल हो गया।
रमई गांव के पूर्व प्रधान किसी से कभी तू-तकरार तक नहीं हुई थी। वह अपनी मेहनत व ईमानदारी के बूते पर दो बार गांव के प्रधान बने। 20 साल की उम्र से ही वे संघ परिवार से जुड़े रहे। उनकी निष्ठा व ईमानदारी देख उन्हें दो बार भाजपा ने तिलोई मंडल के अध्यक्ष का दायित्व सौंपा। वर्तमान में वे जिला कार्यकारणी के सदस्य थे। भाजपा के कर्मठ झंडा बरदारों में उनकी अहम गिनती थी। गांव वालों की समस्या को अपनी समस्या मान ब्लाक व तहसील के चक्कर काटना उनकी दिन चर्या में शामिल था। धोती कुर्ता व सदरी पहन सादगी के साथ काली बैग में समस्याओं का पुलिदा, जेब में कलम व डायरी लिए हर रोज किसी न किसी दफ्तर में दिखने वाले जागेश्वर वर्मा हर किसी के जेहन में रहते थे। उनका पूरा वक्त गांव वालों की समस्याओं का निस्तारण कराने में बीत जाता था। पूर्व प्रधान की हुई हत्या से सभी हतप्रभ है चाय पान के दुकानदार हो या तहसील ब्लाक के कर्मचारी सभी के वे लोकप्रिय थे।
सुरेंद्र के बाद अब जागेश्वर की हत्या
केंद्रीय मंत्री व स्थानीय सांसद स्मृति ईरानी के बेहद करीबी बरौलिया के पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह की हत्या 25 मई, 2019 की रात गोली मार कर दी गई थी। यह वारदात स्मृति के चुनाव जीतने के ठीक बाद हुई थी। डेढ साल बाद फिर कुछ उसी तरह मोहनगंज के रमई गांव में भाजपा नेता व पूर्व प्रधान जागेश्वर वर्मा की गोली मार कर हत्या कर दी गई है। घटना को स्मृति ईरानी ने गंभीरता से लेते हुए पुलिस को जल्द से जल्द राजफाश करने के लिए निर्देशित किया है।