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स्मृति ईरानी के सामने अब अमेठी के विकास की होगी बड़ी चुनौती

नई सरकार के गठन के बाद सभी की निगाहें बदले हालत में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की अगली रणनीति पर है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 31 May 2019 09:36 PM (IST)Updated: Sat, 01 Jun 2019 08:55 AM (IST)
स्मृति ईरानी के सामने अब अमेठी के विकास की होगी बड़ी चुनौती
स्मृति ईरानी के सामने अब अमेठी के विकास की होगी बड़ी चुनौती

अमेठी [दिलीप सिंह]। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हराकर सांसद बनी स्मृति ईरानी के सामने अब अमेठी के विकास की बड़ी चुनौती है। अब तक राहुल व कांग्रेस पर हमलावर रहने वाली स्मृति को विकास की राह पर आगे बढ़ते हुए उन सवालों का जबाब भी देना होगा। जो वह राहुल को लेकर उठा रही थी। बरौलिया में हुए भाजपा नेता सुरेंद्र सिंह की हत्या के बाद भावनात्मक मोर्च पर उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ अमेठी दिल जीत बड़ा संदेश दे दिया है। अब सभी को इंतजार विकास की राह पर स्मृति के अगले कदम की है।

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पिछले दो दशक में उजाड़ हो चले अमेठी के उद्योग-धंधोंं को नया जीवन देकर बेरोजगार हो रहे युवाओं को मुख्य धारा में वापस लाने की चुनौती से लड़ स्मृति को बड़ा मुकाम बनाना होगा। अमेठी के युवाओं को भरोसा है कि आने वाले दिनों में अमेठी के विकास को रफ्तार मिलेगी। अंकित व संजीव कहते हैं कि कहने से नहीं करने से विकास होगा। दोनों ने कहाकि अभी दीदी जीतकर दिल्ली पहुंची ही थी और यहां उनके एक कार्यकर्ता की हत्या हो गई।

दोनों सवाल करते हैं कि क्या कभी कोई सांसद अपने कार्यकर्ता को कंधा देने पहुंचा था। वैसे जब दीदी अमेठी में विकास की शुरूआत कराएगी तो सभी दंग रह जाएगें। गौरीगंज के सैठा गांव निवासी रणवीर सिंह व जायस निवासी पुलकित महेश्वरी कहते हैं कि दीदी ने पिछले पांच साल यहां काम किया है। उन्हें अमेठी की हर दर्द व पीड़ा का एहसास है। जल्द ही अमेठी की रंगत बदलती हुई दिखेगी। युवाओं का भरोसा अगर हकीकत में बदल तो एक बार फिर जगदीशपुर के साथ ही गौरीगंज, रामगंज, सलोन, छतोह में बंद पड़े कारखानों में फिर कल-कल की आवाज गूंजेगी। अमेठी में वर्तमान में पांच सौ से अधिक छोटे-बड़े उद्योग बंद हैं। 

पैसा लिया कारखाना लगाया और हो गए गायब 
अमेठी में राजीव गांधी के प्रधानमंत्री कार्यकाल में तमाम औद्योगिक घरानों ने सरकार से मनचाही वित्तीय मदद ली और फिर कुछ खर्च कर कारखाना लगाया और भारी रकम बचाकर गायब हो गए। यहीं वजह है कि अमेठी में जहां-तहां बंद कारखाने आसानी से दिखाई पड़ते हैं। 

शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ युवाओं के रोजगार पर भी देना होगा ध्यान 
अमेठी में स्मृति की जीत जितनी बड़ी है। अब चुनौती उससे कहीं और बड़ी है। राहुल को हराने में अहम भूमिका निभाने वाले युवा अब अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। स्मृति में उन्हें उम्मीद दिखी और उन्होंने अमेठी के इतिहास को बदल दिया। अब यहां स्मृति को एक साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास के साथ युवाओं के रोजगार पर भी ध्यान देना होगा और अमेठी के हर सुख-दुख में साथ खड़ा होना होगा।  

हर स्तर पर होगा काम 

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के प्रतिनिधि विजय गुप्ता ने कहा, अमेठी ने दीदी (स्मृति) को जो स्नेह व प्यार दिया है। वह किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं होगा। अमेठी में  विकास, शिक्षा व स्वास्थ्य के साथ यहां की जरुरतों के अनुरुप हर स्तर पर काम होगा। दीदी ने इसके लिए कार्ययोजना बना रखी है। 

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