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पूरे दिन रही धुंध, सर्द हवाओं ने बढ़ाई गलन

गुरुवार अब तक का सबसे ठंडा दिन रहा। कोहरे से सड़कों पर चलना मुहाल हुआ। दृश्यता बेहद कम रही।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 12:48 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 12:48 AM (IST)
पूरे दिन रही धुंध, सर्द हवाओं ने बढ़ाई गलन
पूरे दिन रही धुंध, सर्द हवाओं ने बढ़ाई गलन

अमेठी : सुबह घना कोहरा और पछुआ हवा के बहाव के बीच गलन के साथ धुंध दिनभर कायम रही। गुरुवार को सूरज के दर्शन नहीं हुए। सर्द हवाओं ने रात के साथ अब दिन भी लोगों को घरों में कैद रहने पर विवश कर दिया है। गांव से शहर तक लोग अलाव का सहारा खोजते दिखे तो गलन बढ़ने के साथ ही सार्वजनिक स्थानों के अलाव भी ठंडे पड़ गए।

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शीतलहर के चलते पारा काफी लुढ़क गया है। गलन अधिक होने के कारण लोग रजाई में दुबके रहे। बुधवार रात से ही धुंध छाने लगी थी। गुरुवार सुबह पूरी तरह से कोहरे का कहर रहा और पारा लुढ़क कर सात डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। गलन के चलते लोगों को काफी दिक्कत हुई हवा का बहाव आठ किलोमीटर प्रति घंटा रहा। पूर्वाह्न 11 बजे तक सड़कों पर वाहनों की आमद ना के बराबर रही। पूरे दिन धुंध रहने के कारण कम ही लोग अपने घरों से बाहर निकलें। शुक्रवार को भी मौसम सर्द रहने की संभावना है।

जिलाधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि सभी तहसीलों में सार्वजनिक स्थलों पर अलाव जलाने की व्यवस्था की गई है। जिला मुख्यालय पर नगर पालिका की ओर से अलाव जलवाए जा रहे हैं। अधिकारियों को रात में भ्रमण कर सड़क किनारे सो रहे बेसहारा लोगों को कंबल दिए जाने व उन्हें उचित स्थान पर पहुंचाए जाने के भी निर्देश दिए हैं।

सुबह-शाम बाहर निकलने से बचें :

सीएमओ डॉ. आशुतोष दुबे ने बताया कि जहां तक संभव हो सुबह-शाम बाहर निकलने से परहेज करना चाहिए। दिन में कम से कम दो लीटर पानी गुनगुना करके पिएं।

बदलेगा मौसम का मिजाज :

मौसम विभाग से जुड़े लोगों की मानें तो अगले एक-दो दिन में मौसम का मिजाज बदल सकता है। गलन और ज्यादा बढ़ने की संभावना है। पारा भी नीचे गिरेगा।

नहीं जले अलाव, ठिठुर रहे राहगीर :

शंकरगंज प्रतिनिधि के अनुसार कस्बे में लोगों की सुविधा के लिए एक भी स्थान पर अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है। तहसील प्रशासन ने भी इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं समझी। इसकी वजह से राहगीर परेशान हैं। गलन भरी सर्दी में लोग कांप रहे हैं। बहुत से गरीबों के पास न तो छत है न पर्याप्त कपड़े। उनको तो अलाव का ही सहारा है।


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