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कातिलों से ज्यादा कहर ढा रहीं जिले की सड़कें

अमेठी : सुनकर ताज्जुब जरूर होगा, लेकिन बात सच है। जिले की सड़कें राहगीरों की कब्रगाह बन

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 12:56 AM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 12:56 AM (IST)
कातिलों से ज्यादा कहर ढा रहीं जिले की सड़कें
कातिलों से ज्यादा कहर ढा रहीं जिले की सड़कें

अमेठी : सुनकर ताज्जुब जरूर होगा, लेकिन बात सच है। जिले की सड़कें राहगीरों की कब्रगाह बन रही है। आंकड़े गवाह हैं कि जिले में एक वर्ष में हुई हत्या की घटनाओं से ज्यादा सड़क हादसों में लोग अपनी जान गवां चुके है। हादसों पर अंकुश लगाने के लिए यातायात विभाग ने कुछ स्थलों को डेंजर जोन में चिहिन्त किया है, लेकिन उसके अलावा भी हर सड़क लोगों को अपना शिकार बना रही है।

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जिले में अपराध के आंकड़ों को देखा जाए तो वर्ष 2018 जनवरी माह से सितंबर माह तक 27 हत्या की वारदातों को अपराधियों ने अंजाम दिया है। वहीं दस माह में सड़कों पर रफ्तार ने 162 जिंदगियों को खामोश कर दिया है। जिले में अलग-अलग सड़कों पर 292 हादसों में 174 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इन सभी हादसों के पीछे कहीं न कहीं मानवीय लापरवाही व चूक ही कारण बनी। हादसे दर हादसे के ग्राफ को रोकने के लिए यातायात पुलिस व परिवहन महकमे ने जिले में दर्जन भर से अधिक स्थानों को डेंजर जोन के रूप में चिह्नित किया है और अमेठी जिला गठन के बाद खासकर बड़े कस्बों व नगरों में यातायात पुलिस की तैनाती भी की गई है, लेकिन न हादसे रुक रहे हैं और न ही मरने वालों की संख्या में कमी आ रही है।

डेंजर जोन में ये हैं सड़कें : सुलतानपुर-रायबरेली हाईवे के साथ ही लखनऊ-सुलतानपुर हाईवे व सुलतानपुर-प्रतापगढ़ हाईवे पर सबसे अधिक सड़क हादसे हो रहे हैं। जगदीशपुर व मुसाफिरखाना के बीच कादूनाला डेंजर जोन बना हुआ है तो गौरीगंज में बाबूगंज व मुंशीगंज के करीब आए दिन हादसों में लोगों के मरने की खबरें आती हैं। फुरसतगंज, जायस व पीपरपुर थानाक्षेत्र अंतर्गत रामगंज में भी शायद ही ऐसा कोई दिन बीतता हो जब कोई सड़क हादसा न होता हो।

बचानी है जान तो बरतनी पड़ेगी सतर्कता : हादसों के बाद एक बात हर बार सामने आती है कि थोड़ी सी चूक हादसे की वजह बन गई। अगर हादसों को रोकना है तो यातायात व परिवहन महकमें के साथ खुद को भी सजग होना पड़ेगा।

यातायात के नियमों की होती है अनदेखी : यातायात उपनिरीक्षक अजय सिंह तोमर की माने तो नियमों की अनदेखी हादसों का सबसे बड़ा कारण है। सड़क पर बिना हेलमेट बाइकें दौड़ाते युवा व बिना सीट बेल्ट के चार पहिया वाहन चलाते लोग हर समय दिखाई पड़ते हैं। यातायात पुलिस के जवानों की माने तो लोग सुरक्षा के बजाय चेकिंग से बचने के लिए लेगगार्ड में अपना हेलमेट टांग के चलते हैं।

कोट

यातायात नियम का पालन किया जाए तो दुर्घटनाएं कम होंगी। राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह-जगह संकेतांक बोर्ड लगाए गए है। स्पीड नियंत्रण के साथ दुर्घटना बहुल क्षेत्र के बोर्ड भी लगे है। इसे लोग नजर अंदाज करते है। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सभी को नियमों का पालन करने की सीख दी जा रही है।

-अनुराग आर्य, एसपी अमेठी


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