धात्री व शिशुओं को मिलने वाला पुष्टाहार में गोलमाल
अमेठी क्षेत्र में बाल विकास परियोजना का हाल बेहाल हो चुका है। केंद्र संचालन के लिए नियुक्त
अमेठी : क्षेत्र में बाल विकास परियोजना का हाल बेहाल हो चुका है। केंद्र संचालन के लिए नियुक्त कार्यकर्ताओं की मनमानी के चलते सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पा रही हैं। धात्री महिलाओं व शिशुओं की सेहत सुधारने के लिए आवंटित पोषाहार का वितरण भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ कर रह गया है। कार्यकर्ता केद्रों का ताला खोलने के बजाय कस्बा स्थित परियोजना कार्यालय का चक्कर लगाती रहती हैं।
शुक्रवार को जब क्षेत्र की आधा दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं इस बाबत जानकारी ली गई तो उन्होंने पहले तो कुछ भी बताने से इंकार कर दिया, किन्तु उन्होंने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि उन्हें हर तीसरे दिन कार्यालय पर बुलाया जाता है। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि सप्ताह में दो दिन आगनबाड़ी केंद्रों पर ताला लटकता रहता है। पोषाहार वितरण न होने से क्षेत्र का कोई भी आगनबाड़ी केंद्र ऐसा नहीं है, जहा केंद्र पर नामाकन के सापेक्ष 10 प्रतिशत उपस्थिति रहती हो। केंद्रों पर एक सहायिका की नियुक्ति शिशुओं को घर से लाने व केंद्र बंद होने पर उन्हें घर पहुंचाने के लिए हुई है, किंतु वह भी अपने कर्तव्यों से भटक गई हैं। केंद्रों पर शिशुओं का न आना परियोजना की हर माह जाने वाली रिपोर्टो की पोल खोलता है। इस संबंध में अभिभावकों ने कई बार परियोजना अधिकारी को अवगत भी कराया फि र भी केंद्रों की हालत पहले जैसी ही बनी हुई है। सीडीपीओ डा. विनय कु मार ने बताया कि इसकी जांच कराई जाएगी। अगर केंद्र नहीं खुल रहा है तो औचक निरीक्षण कर कार्रवाई की जाएगी।