विपणन और पीसीएफ केंद्रों में खरीद धीमी, कागज पर पूरा हो रहा लक्ष्य
क्षेत्र में पांच सरकारी धान क्रय केंद्र में लक्ष्य के सापेक्ष धान खरीद की प्रगति धीमी धान खरीद केंद्रों पर टैक्टर ट्रालियों में उपज लेकर सर्द रात काट रहे किसान नहीं हो रही सुनवाई।
संवादसूत्र, मुसाफिरखाना(अमेठी) : धान खरीद के सरकारी दावे हकीकत से बिल्कुल मेल नहीं खा रहे हैं। किसानों का कहना है कि केंद्रों पर खरीद की गति धीमी होने से क्षेत्र में बिचौलिए सक्रिय हो गए हैं। वर्तमान में रबी की बोआई का समय चल रहा है। ऐसे में किसानों को पैसे की सख्त जरूरत है, जिससे वह गेंहू की बोआई बेहतर तरीके से कर सके, लेकिन क्रय केंद्रों पर धान खरीद में विलंब होने से किसान अपना अनाज औने-पौने दाम पर साहूकार को बेच रहे है।
किसानों की सुविधा को देखते हुए विकास क्षेत्र में पांच सरकारी क्रय केंद्र खोले गए है। विपणन केंद्र मुसाफिरखाना के अलावा पीसीएफ के पांच केंद्रों नेवादा, पलिया पूरब, दादरा, पिडारा, जमुवारी पर धान की तौल का दावा किया जा रहा है, लेकिन इन केंद्रों पर तौल लक्ष्य के सापेक्ष बहुत ही कम की गई है। किसानों की माने तो विपणन केंद्र मुसाफिरखाना पर धान तौल का आंकड़ा लक्ष्य के करीब पहुंच गया है। वहीं पीसीएफ के केंद्रों पर तौल का लक्ष्य कागजों पर पूरा किया जा रहा है। धान क्रय केंद्र नेवादा पर पहुंचे किसान सुरेंद्र सिंह ने बताया कि धान बेचने के 10 दिन बाद भी खाते में पैसा नहीं आया है। वहीं 10 प्रतिशत नमी की कटौती से नाराज किसान तेजनारायण पांडेय, अनंत बहादुर सिंह, भरत सिंह, रामकुमार सिंह ने कहा कि सरकारी क्रय केंद्र आदेश के बावजूद किसानों को सहूलियत देने में कोताही बरत रहा है। विपणन केंद्र प्रभारी अर्चना सिंह ने बताया कि धान की तौल लगातार की जा रही है। टोकन के हिसाब से नंबर आने पर किसानों को बुलाया जा रहा है। तहसीलदार संगीता पांडेय ने कहा कि सरकारी धान क्रय केंद्रों की निगरानी के लिए टीम गठित की गई है। गड़बड़ी मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।