Move to Jagran APP

Varanasi-Lucknow National Highway: तीन अरब 82 करोड़ का घपला उजागर, शासन को भेजी जांच रिपोर्ट

Varanasi-Lucknow National Highway वाराणसी लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग को फोर लेन करने के लिए सात साल पहले हुए भूमि अधिग्रहण में राजस्व व एनएचएआइ के अफसरों ने मिलकर मुआावजे की धनराश‍ि में तीन अरब 82 करोड़ का घपला क‍िया।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaPublished: Wed, 02 Nov 2022 08:36 PM (IST)Updated: Wed, 02 Nov 2022 08:36 PM (IST)
Varanasi-Lucknow National Highway: तीन अरब 82 करोड़ का घपला उजागर, शासन को भेजी जांच रिपोर्ट
Land Acquisition Scam in Amethi: अमेठी में बाजार दर पर कृषि योग्य भूमि का बांटा मुआवजा।

अमेठी, जागरण संवाददाता। Varanasi-Lucknow National Highway वाराणसी-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग को फोरलेन करने के लिए सात साल पहले भूमि अधिग्रहण किया गया था। बाइपास निर्माण के लिए ली गई Land Acquisition Scam भूमि के बदले बांटे गए मुआवजे में तीन अरब 82 करोड़ का घपला कर दिया गया। कृषि योग्य भूमि का मुआवजा बाजार दर पर वितरित किया गया। बांटी गई रकम करीब 560 करोड़ रुपये है, जबकि इसकी वास्तविक कीमत 180 करोड़ रुपये के आसपास होनी चाहिए थी। मामला प्रकाश में आने पर जिलाधिकारी द्वारा गठित चार सदस्यीय टीम की प्राथमिक जांच में घपले की पुष्टि हुई। जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र ने जांच आख्या शासन को भेजी है।

loksabha election banner

2018 के गोलमाल से लिया सबक

सुलतानपुर में छह सौ करोड़ से अधिक का गोलमाल 2018 में सामने आया था। वहां के जिलाधिकारी ने जांच कराने के बाद विभिन्न राज्यों में स्थित सौ से अधिक बैंकों के उन खातों को सीज करा दिया था, जिनमें राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के दौरान मुआवजे की राशि जमा की गई थी। इसकी जानकारी होने पर तत्कालीन मुसाफिरखाना एसडीएम अभय पांडेय की नींद उड़ गई।

वह जब मुसाफिरखाना से ट्रांसफर होकर बाराबंकी जिले के नवाबगंज पहुंचे तो उन्होंने दिसंबर, 2020 को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण परियोजना निदेशक एनएच-56 वर्तमान में (एनएच 731) को पत्र लिखकर अमेठी जिले में भी इस तरह के घपले की आशंका जताई। मुसाफिरखाना व जगदीशपुर बाइपास के निर्माण के लिए ली गई भूमि के बदले दिए गए मुआवजे की जांच कराने का आग्रह किया।

तीस गांव में घपला, 10 का दायर हुआ वाद

अमेठी जनपद सीमा में वाराणसी-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई 49.5 किमी है। इससे 45 गांव जुड़ते हैं। 15 गांव चौड़ीकरण व 30 गांव बाइपास से जुड़े हैं। मुसाफिरखाना में किसानों से 39 व जगदीशपुर में 95 हेक्टेअर भूमि का अधिग्रहण किया गया। प्रकरण के प्रकाश में आने पर एनएचएआइ अधिकारियों ने जिलाधिकारी के यहां 30 में से केवल 10 गांव का ही वाद दायर किया। डीएम राकेश कुमार मिश्र ने फाइल का देखने के बाद एडीएम न्यायिक राजकुमार द्विवेदी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच टीम बैठा दी।

तीस गांवों में बड़ा गोलमाल 

टीम को सभी तीस गांवों में प्रारंभिक तौर पर बड़े स्तर पर गोलमाल मिला। जगदीशपुर में उतेलवा से कनकपुर व मुसाफिरखाना में मठा से सरायसुलेमान तक मुआवजे का बंदरबांट हुआ। सरकारी धन के दुरुपयोग को एनएचआइ के संज्ञान में लाने वाले एसडीएम अभय पांडेय ने भी 120 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित किया था। पत्र में वह अपना बचाव करते नजर आए। उन्होंने लिखा है कि एक बार सक्षम अधिकारी जब मुआवजे की दर को अंतिम रूप दे देता है और एनएचएआइ उसे स्वीकृति प्रदान कर देता है, तब कोई दूसरा अधिकारी चाहकर भी बदलाव नहीं कर सकता।

ये हैं गांव

उतेलवा, नियावां, मंगरौरा, गढ़ा, मलावां, सरायहेतम, सिरयारी, मरौचातेतारपुर, सिंधियावां, इटरौर, लोशनपुर, बगाही, मिसरौली, हुसैनगंज कला, टांडा, बेचूगढ़, कैमा, सालपुर, गुन्नौर, मठा उर्फ भुसुंडा, पूरेप्रेमशाह, कपूरचंद्रपुर, पिंडारा महराज, पलिया चंदापुर, रामरायपुर, धरौली, खरौली, रुदौली, सराय सुलेमा। भूमि का मुआवजा तय करने के दौरान एसडीएम आरडी राम और अशोक कनौजिया सक्षम अधिकारी के रूप में तैनात थे। जगदीशपुर में 701 व मुसाफिरखाना में 379 गाटा का मार्केट रेट पर मुआवजा दिया गया।

क्‍या कहते हैं ज‍िम्‍मेदार 

ज‍िलाध‍िकारी राकेश कुमार मिश्र ने बताया कि‍ एनएचएआइ ने आर्बिट्रेशन एक्ट के तहत वाद दायर किया था। जिसके बाद मैंने जांच टीम गठित की। प्राथमिक रिपोर्ट में मुआवजा निर्धारण में बड़े स्तर पर खामियां मिली हैं। जांच आख्या शासन को भेजी गई है।   


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.