तीन साल की सजा के बाद मिलेगी रिहाई
अमेठी : 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर जेलों में आधी सजा काट चुके बुजुर्गो, दिव्यांगों और म
अमेठी : 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर जेलों में आधी सजा काट चुके बुजुर्गो, दिव्यांगों और महिलाओं को छोड़ने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत सुलतानपुर जिला जेल में बंद अमेठी जिले के मुसाफिरखाना कोतवाली क्षेत्र के चार बंदियों की भी रिहाई होनी है। इनके जेल से छूटने की जानकारी से परिवारीजनों में जहां खुशी है, वहीं बाहर निकाले के बाद उन्हें बहुत कुछ बदला-बदला सा नजर आएगा।
अस्सी के दशक में जिले के दक्खिन गांव में जमीन विवाद में हुई मारपीट में घायल हुए बैजनाथ सिंह की कुछ दिन बाद इलाज के दौरान मौत हो गई। मौत के बाद पुलिस ने मामले को हत्या में तब्दील कर दिया और दक्खिनगांव निवासी सूर्य भान सिंह सहित तीन अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। हालांकि कुछ दिनों बाद सभी को जमानत मिल गई थी। अस्सी में हुई घटना में न्यायालय ने 2015 को सजा सुनाई गई और हत्या के मामले में सूर्य भान सिंह के साथ ही मुसाफिरखाना कोतवाली क्षेत्र के गांव परभनपुर निवासी श्याम बहादुर सिंह, अयोध्या सिंह व सोराव निवासी जगदीश सिंह को आजीवन कारावास हो गई। तब से सभी सुलतानपुर जिला जेल में बंद हैं। छह दशक का जीवन जी चुके सभी के परिजन अपनों को जेल से छुड़वाने की आस छोड़ चुके थे। कोर्ट कचेहरी का चक्कर लगाते-लगाते परिवार भी आर्थिक रूप से कमजोर हो चले हैं। ऐसे में अपनों के जेल से छूटने की खबर पाकर ही घर वाले खासे खुश हैं। सभी को आने वाली दो तारीख का इंतजार है। सजा पूरी कर घर लौटा अशोक
चोरी के मामले जेल गए जिले के जायस कोतवाली क्षेत्र के गांव मवई आलमपुर निवासी अशोक पासी अपनी सजा पूरी कर सोमवार को रायबरेली जेल से रिहा होकर घर आ गया है। परिवार की माली हालत तो ठीक नहीं है, लेकिन बेटे की रिहाई से परिजन खासे खुश हैं। अमेठी जिले के चार लागों की जेल से रिहाई के लिए प्रस्ताव बनाकर डीआईजी मंडल कारागार जेल फैजाबाद को भेजा गया है।
-अमिता दूबे, जेल अधीक्षक, सुलतानपुर