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अपने में अनूठा है महोना कस्बा की रामलीला

संवादसूत्र, बाजारशुकु ल : क्षेत्र के महोना चल रही रामलीला का मंचन काफी आकर्षण से भरा है। स्थ्

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 10:13 PM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 10:13 PM (IST)
अपने में अनूठा है महोना कस्बा की रामलीला
अपने में अनूठा है महोना कस्बा की रामलीला

संवादसूत्र, बाजारशुकु ल : क्षेत्र के महोना चल रही रामलीला का मंचन काफी आकर्षण से भरा है। स्थानीय कलाकारों के अभिनय से रामलीला को देखने के लिए काफी भीड़ पहुंच रही है।

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जय मां दुर्गा पूजा समिति द्वारा आयोजित रामलीला में कलाकारों द्वारा रविवार की रात सीता स्वयंवर का मंचन किया गया। मिथिलाधिपति जनक के संकल्प के मुताबिक जब सीता स्वयंवर हुआ तो उसमे देश-विदेश के राजा एकत्र हुए। रावण-बाणासुर व अंधेर नगरी के राजाओं के साथ ही गुरु विश्वामित्र के साथ अवधपति दशरथ नंदन श्रीराम व लक्ष्मण भी विराज मान रहते हैं। राजाओं के लाख प्रयास के बाद भी जब भगवान शिवजी का पिनाक नहीं टूटा तो इस बात को लेकर राजा जनक में निराशा छा गयी और उन्होंने संपूर्ण धरती को वीर विहीन कह डाला। इस पर शेषावतार लक्ष्मण को क्रोध आ गया। गुरु विश्वामित्र की आज्ञा पाकर श्रीराम धनुष तोड़ते हैं तो मानव क्या देवता भी प्रसन्न हो जाते हैं। जगत जननी सीता ने जयमाला डालकर श्रीराम को अपना वर चुना। ग्रामीण कलाकारों द्वारा किये गए मंचन का दर्शकों ने भरपूर आनंद उठाया। राम-सीता की आरती उतारी गयी। रामलीला के डायरेक्टर पवन कुमार शुक्ला ने बताया कि पिछले कई वर्षो से कलाकरों द्वारा रामलीला का आयोजन किया जाता है। कार्यक्रम के आयोजन में हरि गोविंद, संतोष कुमार, अनुरुद्ध शुक्ला, कालिका ओझा, सोहनलाल, डिप्टी शिवनायक व राम विशाल आदि का सराहनीय योगदान रहता है। यहा प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग एकत्रित होते हैं।


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