कांग्रेस सेवादल को आरएसएस के मुकाबले तैयार करने में जुटे राहुल गांधी
राहुल गांधी ने सेवादल को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (जेएनएन) के मुकाबले खड़ा करने की योजना तैयार की है।
अमेठी [दिलीप सिंह]। पार्टी को देश में एक बार फिर से मजबूत करने का इरादा लेकर बेहद गंभीर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस सेवादल की ओर भी ध्यान दिया है। राहुल गांधी ने सेवादल को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (जेएनएन) के मुकाबले खड़ा करने की योजना तैयार की है।
लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव में लगातार हार के बाद कांग्रेस एक बार फिर बाजी पलटने को लेकर बेहद गंभीर है। लगातार हार ने कांग्रेस के साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को भी काफी परेशान कर रखा है। राहुल गांधी को बखूबी इस बात का अहसास है कि कांग्रेस की हार के पीछे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अधिक अहम भूमिका आरएसएस की होती है।
जब तक कांग्रेस सेवादल सक्रिय था, तब तक आरएसएस की हर चाल की काट कांग्रेस आसानी से कर लेती थी। पिछले कुछ वर्षों में सेवादल कमजोर हुआ तो संघ मजबूत होता जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस को पुन: सत्ता के शिखर तक लाने की कश्मकश में लगे राहुल गांधी ने सेवादल को एक बार फिर मजबूत बनाने की सोची है और इसकी शुरुआत अमेठी व रायबरेली से करने की योजना है।
सेवादल का इतिहास कांग्रेस जितना ही पुराना है। इसकी कार्यशैली काफी हद तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक की तरह रही है। मौजूदा दौर में यह कांग्रेस का यह फ्रंटल संगठन मृतप्राय है। देश में सेवादल का गठन वर्ष 1923 में हिन्दुस्तानी सेवादल के नाम से हुआ था। बाद में इसे कांग्रेस सेवादल का नाम दे दिया गया। आरएसएस की तरह सेवादल पर भी प्रतिबंध लगा था। अंग्रेज हुकूमत के दौरान वर्ष 1932 से 1937 तक हिन्दुस्तानी सेवादल को आतंकी संगठन घोषित कर प्रतिबंधित कर दिया गया था।
आजादी के बाद देश में जनसेवा के साथ कांग्रेस को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी ली। पुरानी हिन्दी फिल्मों में जनसेवा करने वालों को सेवादल की पोशाक में ही फिल्माया गया है। आजादी के बाद सत्ता में काबिज कांग्रेस को पहली बार आपातकाल के बाद देश के बदले माहौल में जनता पार्टी की सरकार के गठन के बाद सेवादल की याद आई और इंदिरा गांधी ने सेवादल को फिर से खड़ा किया।
राजीव गांधी ने वर्ष 1983 में सेवादल के कैंप में रहकर सात दिनों की ट्रेनिंग ली। राजीव गांधी के निधन के बाद कांग्रेस सेवादल धीरे-धीरे कमजोर होता गया और वर्ष 2000 आते-आते सेवादल भी कांग्रेस के दूसरे फ्रंटल संगठनों की तरह हो गया।
फिर आई याद
जब कांग्रेस गर्दिश के दौर से गुजर रही है तब उसे कांग्रेस सेवादल की सफेद पैंट-शर्ट व टोपी वाले संघर्षशील साथियों की याद आई है। मानसून के बाद अमेठी-रायबरेली में सेवादल का परीक्षण शुरू होगा। जल्द ही सेवादल को नई रणनीति और बजट के साथ आरएसएस की मुखालफत में खड़ा करने की कांग्रेस ने पूरी तैयारी कर ली है।
सेवादल से बढ़ेगी कांग्रेस की मजबूती
कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री व बिहार के प्रभारी राज नारायण यादव का कहना है कि सेवादल की मजबूती से कांग्रेस को मजबूती मिलेगी। आपातकाल के बाद इंदिरा गांधी सेवादल को मुख्यधारा में लाईं और राजीव गांधी को सेवादल के कैंप में प्रशिक्षण के लिए भेजा। अमेठी में लंबे समय तक सेवादल के मुख्य संगठक रहे नरसिंह बहादुर सिंह ने कहा कि सेवादल आम जनमानस के बीच उनके दुख दर्द को दूर करने का काम करता है।
बाल सेवादल का भी होगा गठन
अमेठी में एक बार फिर सेवादल के बाल सेवक नजर आएंगे। इसके लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है। राहुल गांधी के प्रतिनिधि चंद्रकांत दूबे ने कहा कि बाल सेवादल के गठन से बच्चों के मन में शुरू से ही कांग्रेस व राष्ट्रीयता की विचारधारा का विस्तार होगा।
कांग्रेस के संकट के समय फ्रंट पर आया सेवादल
स्वर्गीय प्रधानमंत्री तथा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी ने कांग्रेस सेवादल से काफी काम लिया था। यूथ कांग्रेस में प्रवेश का रास्ता ही सेवादल को माना जाता था। इसके साथ ही जब-जब कांग्रेस पर संकट आया, तब सेवादल को हमेशा आगे किया गया। सेवादल का गठन देश की आजादी के पहले किया गया था। सेवादल की सेवा भावना को देखकर अंग्रेजों ने 1932 में इन संगठन पर प्रतिबंध भी लगा दिया था।