अमेठी से अपने पुश्तैनी रिश्तों में ताजगी भरने के लिए राहुल गांधी का 300 किमी तक जनमंथन
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने क्षेत्र में भाजपा के बढ़ते असर को कम करने की कोशिशों के साथ अपने रिश्तों को राजनीतिक नहींं पारिवारिक सिद्ध करने पर अधिक जोर दिया।
अमेठी, जेएनएन। दो दिन के भीतर 32 से अधिक घंटों में तीन जिलों का लगभग 300 किलोमीटर लंबा सफर तय करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी और रायबरेली से अपने पुश्तैनी रिश्तों में ताजगी भरने में जुटे रहे। क्षेत्र में भाजपा के बढ़ते असर को कम करने की कोशिशों के साथ अपने रिश्तों को राजनीतिक नहींं पारिवारिक सिद्ध करने पर अधिक जोर दिया। साथ ही पीएम के कांग्रेस मुक्त भारत के नारे के जवाब में भाजपा को मिटाने की जगह भाजपा को हराने का आह्वान किया।
बेहद उत्साहित और आत्मविश्वास से भरे
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा को मात देने से बेहद उत्साहित और आत्मविश्वास से भरे दिखे। क्षेत्रीय जनता से आत्मीय रिश्ता जोड़ते हुए राहुल ने अपना संबोधन सवाल-जवाब की शैली में ही रखा। यह अलग बात रही कि अपने सवालों का जवाब श्रोताओं की ओर से आने से पूर्व ही राहुल खुद ही उत्तर दे देते थे। दौरा आरंभ होने से पहले ही प्रियंका गांधी को पर्दे के पीछे की राजनीति से बाहर निकाल कर राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वी जिलों की प्रभारी बनाने का सकारात्मक असर भी राहुल के दो दिवसीय प्रवास में स्पष्ट दिखा। इसके चलते राहुल को अगला प्रधानमंत्री बताते हुए नारों व होर्डिंग की भरमार रही। राहुल से मिलने की इतनी बेताबी अरसे बाद देखने को मिली। कूड़ेभार से आए युवक अभिषेक त्रिपाठी का कहना था कि प्रियंका गांधी को सक्रिय कर प्रदेश में कांग्रेस की मजबूती के लिए चला मास्टर स्ट्रोक पार्टी के अच्छे दिन ले आएगा। प्रदेश में 28 वर्ष से अधिक की सत्ता से दूरी खत्म करने का काम प्रियंका- राहुल की जोड़ी आसानी से कर लेगी।
गठबंधन के प्रति नरमी
राहुल गांधी पूरे दौरे में परिपक्व नेता के रूप में दिखे। सपा-बसपा द्वारा गठबंधन में हाशिये पर करने के बावजूद कांग्रेस अध्यक्ष सीधा फ्रंट खोलने से बचते रहे। मायावती, अखिलेश के साथ मुलायम का नाम लेकर उनके प्रति आदर भाव जताकर भविष्य में जरूरत पडऩे सपा-बसपा की मदद लेने के लिए रास्ता भी बनाए रखा।
भाजपा को मिटाने का नहीं, हराने का आह्वान
नरम हिंदुत्व की राह पर बढ़े राहुल ने इस दौरे में भी मंदिर जाने और तिलक लगाकर मंच पर आने से परहेज नहीं किया। इतना ही नहीं भाजपाइयों को चिढ़ाने से भी बचते रहे। उनके निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही बने रहे। प्रधानमंत्री के 'कांग्रेस मुक्त भारत ' नारे का जवाब उसी शैली में देने के बजाए राहुल ने कहा, 'उनका लक्ष्य भाजपा को मिटाना नहीं बल्कि हराना है। वह भाजपा मुक्त भारत के पक्षधर नहीं है। ' विधान परिषद सदस्य दीपक सिंह ने कहा कि कांग्रेस कभी विद्वेष और नफरत की राजनीति की पक्षधर नहीं है। इसी परंपरा को राहुल गांधी भी आगे बढ़ा रहे हैं।