संग्रामपुर पुलिस को नाबालिग से शातिभंग का खतरा
अमेठी संग्रामपुर के एक उपनिरीक्षक को कक्षा सात में शिक्षा ग्रहण कर रहे नौनिहाल से शातिभग
अमेठी : संग्रामपुर के एक उपनिरीक्षक को कक्षा सात में शिक्षा ग्रहण कर रहे नौनिहाल से शातिभग का अंदेशा है। मंगलवार को विद्यालय की पढ़ाई छोड़कर अपनी जमानत कराने आए बालक ने अपनी आप बीती विधायक प्रतिनिधि और सीओ से बताई तो अधिकारी अवाक रह गये। सीओ ने मामले की जाच का आदेश दिया है।
मंगलवार को तहसील दिवस में विधायक प्रतिनिधि अनंत विक्रम सिंह, एसडीएम रामशकर और सीओ पीयूष कात लोगों को शिकायत सुन रहे थे। इसी बीच संग्रामपुर थाने के डेहरा गाव निवासी रिशु शुक्ला पुत्र शिवप्रसाद आए उन्होंने विधायक प्रतिनिधि से कहा कि मैं कक्षा सात का छात्र हूं, मेरी उम्र बारह साल है, दारोगा जी ने मेरे ऊपर कार्रवाई की है, तहसील से नोटिस मिली है, जमानत कराने के लिए। इस पर विधायक प्रतिनिधि ने सीओ से नाबालिग पर कार्रवाई किये जाने पर जिम्मेदार उपनिरीक्षक पर कार्रवाई का निर्देश दिया। संग्रामपुर के उपनिरीक्षक हरिश्चंद्र यादव ने 31 मई को रिशु के विरुद्ध शाति भंग का अंदेशा जताते हुए रिपोर्ट भेजी थी। रिशु पर यह आरोप है उनकी गाय पड़ोसी का महुवा खा ली थी। इसी पर रिशु और गायत्री, उमेश और मुन्ना पर शातिभग के अंदेशा होने पर पुलिस की ओर से रिपोर्ट भेजकर कार्रवाई की गई थी। संग्रामपुर पुलिस की रिपोर्ट पर एसडीएम की ओर से 22 जून को नोटिस भेजकर अपना पक्ष रखकर जमानत कराने का आदेश जारी किया गया था। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में बारह वर्षीय बालक की उम्र उन्नीस वर्ष दर्शाई गई। पाच जुलाई को मुकदमे की तारीख थी। बालक को देखने के बाद उपनिरीक्षक की इस कार्रवाई पर दिवस पर बैठा हर अधिकारी नाराज हो गया। विधायक प्रतिनिधि ने कहा कि विवाद में कार्रवाई करना पुलिस का दायित्व है। उपनिरीक्षक को मौके पर जाकर जाच कर कार्रवाई की जानी चाहिए थी। एक बालक जो अपनी पढ़ाई छोड़कर जमानत कराने तहसील आया यह बेहद शर्मनाक बात है। एसपी से भी उपनिरीक्षक के विरुद्ध कार्रवाई के लिए बात की गई है। एसडीएम ने बताया नोटिस जारी हुई थी। उपनिरीक्षक ने उम्र गलत अंकित की थी। नोटिस वापस ली जाएगी। बच्चे के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होगी।