हड़ताल ने धान खरीद पर लगाया ब्रेक
अमेठी : एक नवंबर से जिले में शुरू हुई धान खरीद को जब रफ्तार मिलना था तो उसी समय कर्मचाि
अमेठी : एक नवंबर से जिले में शुरू हुई धान खरीद को जब रफ्तार मिलना था तो उसी समय कर्मचारियों की हड़ताल ने उस पर ब्रेकलगा दिया। धान खरीद ठप होने से किसान जहां चिंतित हैं वहीं प्रशासन भी लक्ष्य पूर्ति को लेकर सशंकित है। धान की बिक्री के लिए जिले में 5786 किसानों ने अपना आनलाइन पंजीकरण कराया है। अभी तक महज एक किसान का धान बिक सका है।
जिले में धान क्रय केंद्र के लिए 94300 मीट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए 41 क्रय केंद्र खोले गए हैं, जिनमें मुसाफिरखाना तहसील में 11, तिलोई 14, गौरीगंज आठ व अमेठी तहसील में आठ क्रय केंद्र बनाए गए हैं। अभी तक महज एक किसान से 50 कुंतल धान जामो के विपणन शाखा के क्रय केंद्र पर खरीदा गया है। इसके अतिरिक्त किसी भी क्रय केंद्र पर खरीद नहीं हुई है। खरीद से पहले जहां पीसीएफ कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए थे। वहीं खरीद शुरू होने के बाद यूपी फूड एवं सिविल सप्लाइज इंस्पेक्टर्स आफीसर एसोसिएशन जुड़े पदाधिकारी भी हड़ताल पर चलें गए हैं, जिससे विपणन केंद्रों पर भी खरीद एवं ठप हो गई है।
-क्रय केंद्रों का ब्योरा
नाम संख्या
पीसीएफ 24
विपणन 10
कर्मचारी कल्याण निगम 30
एफसीआई 02
यूपी एग्रो 02
-5786 कराया आनलाइन पंजीकरण
जिले में कुल तीन लाख पंद्रह हजार किसान कृषि विभाग की सूची में पंजीकृत हैं। इनमें से अब तक 5786 किसानों ने धान की बिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। वहीं गत वर्ष 10955 किसानों ने अपना धान बेचा था।
-राइस मिलर्सो से अनुबंध को हड़ताल बनी बाधा
जिले में 57 राइस मिल संचालित हो रही हैं। धान खरीद के लिए 17 राइस मिलर्स से अनुबंध किया गाय है, लेकिन अभी तक किसी के द्वारा कागजात नहीं सौंपे गए हैं, जिसका सीधा कारण अधिकारी हड़ताल को बता रहे हैं।
पसरा है सन्नाटा, कर्मचारी भी हैं नदारद
सोमवार को जब जागरण टीम ने धान क्रय केंद्र की हकीकत जानने के लिए धान क्रय केंद्रों का निरीक्षण किया तो गौरीगंज की विपणन शाखा पर कर्मचारी केंद्र की रखवाली करते दिखाई पड़े। वहीं सिंहपुर ब्लाक व अमेठी में विपणन शाखा बंद मिली। यही हाल बाजारशुकुल, मुसाफिरखाना व तिलोई का भी रहा, जहां क्रय केंद्र हड़ताल के बाद से बंद चल रहे हैं। शुरूआत में धान खरीद शुरू हुई तो किसानों को टोकन बांटा गया था, जिसमें ढाई सौ से अधिक टोकन किसानो को वितरित किया गया है।
-सुविधाएं हैं नदारद
शासन ने धान की बिक्री करने आने वाले किसानों को बैठने के साथ ही पीने के पानी की व्यवस्था करने का निर्देश दिया था, लेकिन किसी भी केंद्र पर सुविधा देखने को नहीं मिली है। हालांकि खरीद शुरू न होना भी इसकी एक वजह बताई जा रही है।
-बोले जिम्मेदार
जिला विपणन अधिकारी भीमाचंद्र गौतम ने बताया कि धान खरीद की व्यवस्था की जा रही है। कर्मचारियों से भी बातचीत हो रही है। हड़ताल समाप्त होने के बाद लक्ष्य पूर्ति किया जाएगा।