यहां इलाज मिल जाए तो समझो किस्मत
संयुक्त जिला अस्पताल आने वाले मरीजों को इलाज और दवा के लिए भटकना पड़ रहा है। उन्हें कई बार इलाज के अभाव में लौटना भी पड़ता है। यहां मात्र तीन डाक्टर तैनात हैं। जुलाई 2010 में जिले के गठन बाद असैदापुर सीएचसी को अपग्रेड कर संयुक्त जिला अस्पताल का दर्जा दे तो दिया गया लेकिन सुविधाओं में किसी भी तरह की बढ़ोत्तरी नहीं हो सकी।
अमेठी : संयुक्त जिला अस्पताल आने वाले मरीजों को इलाज और दवा के लिए भटकना पड़ रहा है। उन्हें कई बार इलाज के अभाव में लौटना भी पड़ता है। यहां मात्र तीन डाक्टर तैनात हैं।
जुलाई 2010 में जिले के गठन बाद असैदापुर सीएचसी को अपग्रेड कर संयुक्त जिला अस्पताल का दर्जा दे तो दिया गया, लेकिन सुविधाओं में किसी भी तरह की बढ़ोत्तरी नहीं हो सकी।
-ये है जिला अस्पताल का हाल
पद कार्यरत रिक्त
चिकित्सा अधीक्षक 01 00
नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ 01 01
एनेस्थेटिक 00 02
ह्रदय रोग विशेषज्ञ 00 01
दन्त रोग विशेषज्ञ 01 00
नेत्र शल्यक 01 00
आर्थोपेडिक सर्जन 00 01
बाल रोग विशेषज्ञ 01 00
मानसिक रोग विशेषज्ञ 01 01
पैथोलॉजिस्ट 01 01
वरिष्ठ फिजीशियन 01 01
रेडियोलॉजिस्ट 01 02
सर्जन 00 02
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी 00 02
चिकित्सा अधीक्षिका 00 01
स्त्री रोग विशेषज्ञ 00 01
प्रसूति रोग विशेषज्ञ 01 01
महिला चिकित्सा अधिकारी 02 00
स्टाफ नर्स 10 00
वार्ड आया 02 01
वार्ड ब्वाय 05 00 -इनकी बातों पर भी जरा करें गौर
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-अस्पताल में न तो चिकित्सक समय से मिलते है और न ही दवाएं ही मिलती है। घंटों इंतजार के बाद चिकित्सक ने देखा और बाहर की दवा लिख दी।
विमला
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बुखार से पिछले कई दिनों से पीड़ित हूं। सुबह से इलाज के लिए आया हूं। एक बजे डाक्टर साहब ने देखा। कुछ ही दवाएं अस्पताल में मिली।
आशुतोष
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हमारी चाची सांस की मरीज है। उन्हें सुबह साढ़े दस बजे लेकर अस्पताल पहुंचा, लेकिन एक बजने को है अभी तक नंबर नहीं आया।
अनवर
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सुबह 11 बजे के करीब अस्पताल पहुंचे। पर्चा बनवाते बनवाते 12 बज गए और जांच होती। इससे पहले साहब ने कहा समय पूरा हो गया है कल आना।
पंचम राम -साहब की भी सुनिए
''अस्पताल में जो व्यवस्था है। उसमें बेहतर करने की कोशिश होती है। जिला अस्पताल बनकर तैयार है। जल्द ही व्यवस्था में सुधार होगा।''
डा. आरके सक्सेना
अधीक्षक, संयुक्त जिला अस्पताल-असैदापुर