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उधार के पैसों से हो रहा पशुओं का भरण-पोषण

चार माह से बजट के इंतजार में है गो आश्रय केंद्र बजट न होने से ग्राम पंचायतों को संचालन में हो रही समस्या।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 10:32 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 10:32 PM (IST)
उधार के पैसों से हो रहा पशुओं का भरण-पोषण
उधार के पैसों से हो रहा पशुओं का भरण-पोषण

संवादसूत्र, अमेठी : बेसहारा पशुओं को आश्रय देने के लिए प्रदेश सरकार ने न्याय पंचायत स्तर पर गो संरक्षण केंद्र बनवाया है। जहां पर बेसहारा पशुओं को चारा के साथ ही रहने की व्यवस्था की गई है। ज्यादातर आश्रय स्थलों पर बेसहारा पशुओं की संख्या मानक से अधिक है। पशु चिकित्सा विभाग की देखरेख में ग्राम पंचायतें आश्रय स्थलों का संचालन करती है, लेकिन पिछले अगस्त माह से ग्राम पंचायतों को गोवंशों की देखरेख के लिए बजट नहीं मिल रहा है। बजट न मिलने के चलते आश्रय स्थलों के संचालन में प्रधानों को परेशानी उठानी पड़ रही है। बेसहारा पशुओं के लिए चारा, भूसा, चूनी आदि खरीदने के लिए प्रधानों को बजट का इंतजार है। संग्रामपुर क्षेत्र के भौसिंहपुर कसारा, बनवीरपुर, इटौरी, गोरखापुर,सोनारी कनू सहित कई गांव में बजट न मिलने के चलते आश्रय स्थलों पर बेसहारा पशुओं के चारे पर संकट है।

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-संरक्षण के लिए मिलता है 30 रुपये प्रति गोवंश

आश्रय स्थलों पर गोवंशों की देखरेख व उनके चारे की व्यवस्था के लिए 30 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से दिया जाता है जिससे बेसहारा पशुओं के लिए भूसा, चूनी व हरा चारा की खरीदारी की जा सके।

ग्राम पंचायत के गो आश्रय स्थल पर 70 गोवंश मौजूद हैं। सभी की देखभाल की जा रही है। बीते चार माह से बजट नहीं मिल रहा है। उधार लेकर गोवंश का चारा, भूसा, व चूनी उपलब्ध कराया गया है। बजट के लिए खंड विकास अधिकारी व मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से कई बार बात की गई।

अशोक उपाध्याय

प्रधान, भौसिंहपुर आश्रय स्थलों पर मौजूद गोवंश के भरण-पोषण समुचित रूप से चल रहा है। संचालन कार्य मे बजट की समस्या है। किसी तरह इंतजाम कर आश्रय स्थल का संचालन किया जा रहा है। जितेंद्र सिंह

प्रधान प्रतिनिधि, कसारा

-नहीं आया बजट

गो आश्रय स्थलों के लिए अभी बजट नहीं मिला है। बजट मिलते ही सभी ग्राम पंचायतों को पैसा आवंटित कर दिया जायेगा।

राकेश पाण्डेय

खंड विकास अधिकारी, संग्रामपुर


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