गांवों में गंदगी का अंबार, बढ़ा मच्छरों का प्रकोप
सिंहपुर (अमेठी) : गांवों में साफ -सफ ाई को लेकर तमाम वादे किए गए। प्रयास भी हुए और अभियान भी
सिंहपुर (अमेठी) : गांवों में साफ -सफ ाई को लेकर तमाम वादे किए गए। प्रयास भी हुए और अभियान भी चलाए गए पर क्षेत्र पनप रहे मच्छरों से लोगों को राहत नहीं मिल सकी। बरसात के बाद मच्छरों का प्रकोप इस कदर बढ़ा है कि रात की बात तो दूर दिन में भी एक स्थान पर कुछ देर बैठना मुश्किल हो रहा है। वहीं स्वास्थ्य विभाग दवा छिड़काव कराने का दावा कर रहा है।
बरसात में गंदगी व जलभराव से मच्छरों का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। इस माह हुई बरसात से मच्छरों को पनपने का अनुकूल वातावरण मिला है। गांव की नालिया गंदे पानी से उफ नाती नजर आ रहीं है। यहा साफ -सफ ाई का अभाव और दवाओं का छिड़काव न होने से मच्छरजनित बीमारिया जैसे जापानी इंसेफ्लाइटिस, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया व फ ाइलेरिया पांव पसार रही हैं। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बीमारियों से बचाने का जिम्मा पंचायती राज व स्वास्थ्य महकमें का है, लेकिन यहां इसका प्रभाव नहीं दिख रहा है। मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए न तो गांवों में साफ -सफ ाई की जा रही है और न ही दवा का छिड़काव। यही नहीं एंटी लार्वा की जाच भी कागजों तक ही सीमित है।
नदारत हैं स्वास्थ्य समितिया
ग्राम पंचायतों में बनी स्वास्थ्य समितियों का कोई पुरसाहाल नहीं है, जबकि गांवों में सफ ाई व दवा छिड़काव आदि के लिए प्रति वर्ष आशा और ग्राम प्रधान के संयुक्त खाते में दस हजार की धनराशि भी शासन द्वारा मुहैया करायी जा रही है। बावजूद इसके स्वास्थ्य महकमा सढिया, दादूपुर, साहबपुर, डेरा समेत कुछ संवेदनशील गांवों में दवा छिड़काव तक ही सीमित है।
सफ ाईकर्मियों की कमी है बड़ी वजह
सिंहपुर विकास क्षेत्र में सफ ाई कर्मियों की भारी कमी है। यहा 58 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष महज 32 सफ ाईकर्मी ही तैनात हैं, जो हैं भी उन्हें साहब की जी हुजूरी के आगे गांवों में सफ ाई व्यवस्था से कोई लेना देना नहीं है।
जिम्मेदारों की जुबानी
ब्लाक कम्युनिटी प्रॉसेस मैनेजर अनिल मिश्र ने बताया कि 74 राजस्व गांवों में से 58 में दवा का छिड़काव कराया गया है, जो शेष हैं वहा भी जल्द ही कराया जायेगा। वहीं एडीओ पंचायत धीरेंद्र कुमार का कहना है कि जितने कर्मी हैं उन्हें गांवों में सफ ाई व्यवस्था के लिए निर्देशित किया गया है।