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ऐसा प्रतिकार लेना है कि आतंकियों की कोख बांझ हो जाए: राष्ट्रपति को खून से लिखा पत्र

अधिवक्ता ने राष्ट्रपति को लिखा खून से पत्र, हजारों कर रहे समर्थन। एसडीएम को सौंपा पत्र, कहा नहीं मिले लाभ पर हो आरपार की लड़ाई।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 08:08 PM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 08:38 AM (IST)
ऐसा प्रतिकार लेना है कि आतंकियों की कोख बांझ हो जाए: राष्ट्रपति को खून से लिखा पत्र
ऐसा प्रतिकार लेना है कि आतंकियों की कोख बांझ हो जाए: राष्ट्रपति को खून से लिखा पत्र

अमेठी, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले के विरोध में देशभर में गम और गुस्सा है। वहीं, जिले में हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को खून से पत्र लिखकर आतंकवाद के सफाए की मांग की है। पत्र में घटना पर दुःख के साथ क्रोध भी जताया है। इसके अलावा बदला लेने की बात भी लिखी है। बता दें, आत्मघाती हमले में देश के 40 जवानों के शहीद होने की घटना ने पूरे देश को हिला दिया है। पूरे देश में एक तरफ शोक का वातावरण है, तो दूसरी तरफ गुस्सा भी दिखाई दे रहा है।  

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पत्र में लिखा...
जिले के अंतू मार्ग निवासी प्रभात पांडेय हाई कोर्ट में अधिवक्ता है। पुलवामा हमले को लेकर वह बेहद आक्रोशित है। उन्होंने ने इस घटना को लेकर राष्ट्रपति को अपने खून से एक पत्र लिखा है। प्रभात पांडेय ने लिखा- 'हम भारत के लोग भारत के लिए सभी राजनीतिक, सामाजिक धार्मिक मतभेदों को दर किनार कर पुलवामा में हुई घटना से दु:ख व क्रोध में है। इस ज्ञापने के माध्यम से हम यह बताना चाहते हैं कि इस घटना का ऐसा प्रतिकार भारत सरकार को लेना है कि आतंकियों की कोख बांझ हो जाए। जय हिंद।'  

 

जीडीपी कम करने का आग्रह 
इसके अलावा युवक प्रभात पांडेय ने पत्र में लिखा कि यदि सकल घरेलू उत्‍पाद कम हो जाए, सब्सिडी समाप्‍त हो जाए। अंत में पत्र में लिखा- 'हम रहें न रहे बसा जीता रहे अपना हिंदुस्तान।' 

निकाला कैंडिल मार्च

अधिवक्ता ने कहा कि इस पत्र को राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। एक हजार लोग इस पत्र पर अपने खून से हस्ताक्षर करेंगे। देर शाम अधिवक्ता की अगुवाई में सैकड़ों लोगों ने कैंडिल मार्च भी निकाला। 


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