माहे मुहर्रम पर गूंजी या हसन-या हुसैन की सदाएं
जागरण संवाददाता, जायस : आखों में अश्कों का सैलाब और होंठो पर या हुसैन की सदाओं के स
जागरण संवाददाता, जायस : आखों में अश्कों का सैलाब और होंठो पर या हुसैन की सदाओं के साथ मुहर्रम का गम नगर के साथ ही आस-पास की मुस्लिम बस्तियों में साफ दिखने लगा है। चांद रात से ही नौहा मातम व मजलिसों का दौर शुरू हो गया है। शिया समुदाय की औरतों ने गहने और श्रंगार तक उतार डाली हैं और घरों पर काले परचम लगा दिए गए हैं।
दो माह आठ दिन तक चलने वाले इस अजीम गम के माह मुहर्रम की गुरुवार को दूसरी तारीख को जगह-जगह मजलिस हुई और मौलानाओं 14 सौ वर्ष पूर्व इराक के करबला नामक चटियल मैदान में इस्लाम के आखिरी नबी मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन की परिवार व साथियों सहित कत्ल कर देने कथा सुनाई। बताया कि तीन दिन से भूख-प्यास की शिद्दत में ही सभी को एक साथ शहीद कर दिया गया। मजलिस में मोहम्मद तकी, वसी अहमद, आले हसन, औन नकवी, आबिद अली, मो.रजा, अली मियां, हसन नबाब सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
-यौमें आशूरा 21 सितंबर को :
बीते मंगलवार को चांद दिखाई देने के साथ ही मुहर्रम की दसवीं यानी यौमें आशूरा की तारीख पक्की हो गई। यौमें आशूरा आगामी 21 सितंबर को मनाया जाएगा।
-आज निकलेगा जरी व निशान का जुलूस :
जायस नगर के तम्माना स्थित इमामबाड़ा बड़ा दरवाजा से जरी व निशान का जुलूस शुक्रवार को निकलेगा। जिसमें इमाम हुसैन को चाहने वाले नौहा व मातम करते हुए निकलेंगे। मुतवल्ली औन नकवी ने इसकी जानकारी देते हुए नगर के लोगों से जुलूस में शामिल होने की अपील करते हुए कहाकि इमाम हुसैन के रास्ते पर आगे बढ़ हमें बढ़ रहे अपराध को रोकना होगा।