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गावों को आवंटित इज्जत घरों में कटौती से प्रधानों में असं तोष

संवादसूत्र, बाजारशुकु ल : शासन द्वारा गावों को दो अक्टूबर 2018 तक खुले में शौचमुक्त करने के

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 10:09 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 10:09 PM (IST)
गावों को आवंटित इज्जत घरों में कटौती से प्रधानों में असं तोष
गावों को आवंटित इज्जत घरों में कटौती से प्रधानों में असं तोष

संवादसूत्र, बाजारशुकु ल : शासन द्वारा गावों को दो अक्टूबर 2018 तक खुले में शौचमुक्त करने के फरमान पर विभाग तेजी के साथ कार्य कर रहा है। वहीं हाल ही में आए सरकार के फरमान ने प्रधानों व सचिवों के होश उड़ दिए हैं, जिसमें कहा गया है कि जिनका नाम बेस लाइन डाटा पर फीड हो चुका हैं उन्हीं को इज्जतघर मुहैया कराया जायेगा। इसे लेकर प्रधानों में असंतोष है।

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क्षेत्र की कई ग्राम पंचायतें ऐसी भी है, जहां बेस लाइन डाटा के प्रतिकूल अधिक इज्जतघरों का निर्माण करा दिया गया है। ऐसे में विभाग के सामने मुसीबत यह है कि वह इन पंचायतों से रिकबरी करे या फि र किसी दूसरे ब्लाक व पंचायत से इज्जतघर लेकर इनका कोटा पूरा करे। क्षेत्र की 21 ग्राम पंचायत व राजस्व गाव अब तक खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं। वहीं 24 गावों में आज भी खुले में शौच मुक्त होने की जद्दोजेहद चल रही है।

विकास खंड के जिन गांवों को ओडीएफ किया गया है उनमें नादी, बनारपुर, पूरे दीपचंद्र, सरैया पीरजादा, सेवरा व नीमपुर शामिल है। इनमें कुछ गांव लोहिया या फि र आंबेडकर गाव थे।

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क्या कहते हैं अधिकारी

एडीओ पंचायत राम मिलन बताते हैं कि उन्हें जो भी सरकारी दिशा निर्देश मिलेंगे वह उसी के अनुरूप काम करने को बाध्य हैं। वह कहते हैं कि निर्माणाधीन इज्जतघरों की एक किस्त मिली है। आगे उच्चाधिकारियों का निर्देश मिला है कि जो नाम बेस लाइन पर हैं उन्हें ही इज्जतघर दिए जायेगे।


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