जीर्ण-शीर्ण भवन में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूरी
खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि भवन जर्जर होने की सूचना उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
अमेठी: क्षेत्र में एक ऐसा विद्यालय है, जहां छात्र-छात्राएं अपनी जान हथेली पर रख कर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। अभिभावकों की शिकायतों के बाद भी विभाग ध्यान देने को तैयार नहीं है।
क्षेत्र की महोना पश्चिम ग्राम पंचायत में बेसिक शिक्षा परिषद की उदासीनता के कारण प्राथमिक विद्यालय महोना पश्चिम द्वितीय जर्जर भवन में चल रहा है। 48 वर्ष पहले सन 1972 में निर्मित विद्यालय भवन आज शिक्षक व छात्र दोनों के लिए हादसे का सबब बना हुआ है। इतना ही नहीं विद्यालय को मतदान केंद्र भी बनाया गया है। यहां 84 व 85 दो बूथ बनाए गए हैं। ग्राम पंचायत से लेकर लोकसभा प्रतिनिधियों के लिए यहां मतदान होता है।भवन की छत से अक्सर प्लास्टर गिरता रहता है। विद्यालय की जर्जर स्थिति को देखते हुए 13 फरवरी 2018 को शिक्षक जीतेंद्र सिंह व 19 दिसंबर 2018 को इंचार्ज प्रधानाध्यापक श्याम कुमार पांडेय ने प्रशासनिक अधिकारियों से पत्राचार कर जर्जर भवन में मतदान केंद्र न बनाए जाने की मांग की। फिर भी प्रशासन ने इस दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठाया है। खंड शिक्षा अधिकारी भी भवन के जर्जर होने की पुष्टि कर चुके हैं।
-पूरे पाहा प्राथमिक स्कूल बने मतदान केंद्र
ग्रामीणों की मानें तो ग्राम पंचायत की अधिक आबादी इस मतदान केंद्र से दो किमी दूर है। यदि पूरे पाहा प्राथमिक या उच्च प्राथमिक स्कूल को मतदान केंद्र बना दिया जाए तो कई गांव के लोगों को सुविधा होगी। क्षेत्र पंचायत सदस्य बिलाल अहमद बताते हैं कि उनके द्वारा भी यह मांग की गई है, कितु सब कुछ प्रशासन के हाथ में है।
खंड शिक्षा अधिकारी ओम प्रकाश मिश्रा कहते हैं कि शिक्षक द्वारा भवन के जर्जर होने की सूचना से उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। वह जो भी निर्णय लेंगे उस पर अमल किया जाएगा।