व्यवस्था की मार झेल रहे किसान
अमेठी एक बार फिर किसान अपनी उपज को लेकर संकट के दौर में आकर खड़ा हो गया है। कु
अमेठी : एक बार फिर किसान अपनी उपज को लेकर संकट के दौर में आकर खड़ा हो गया है। कुदरत की मार से बचने के बाद व्यवस्था का दंश झेल रहा है। अपनी गेहूं की फसल बेचने के लिए आढ़तियों के पास जाना उसकी मजबूरी बन गया है। सरकारी खरीद केंद्रों पर जगह न होने से खरीद बंद हो गई है। ऐसे में अन्नदाता इधर उधर भटक रहा है।
किसानों का गेहूं सरकारी दर पर खरीदने के लिए सरकार ने पूरे जिले में 53 केंद्र खेले गए है। खरीद करने के लिए छह एजेंसियों को जिम्मेदारी दी गई है। सरकार ने गेहूं खरीद के लिए 51 हजार पांच सौ मीट्रिक टन का लक्ष्य दिया है। एक अप्रैल से गेहूं की खरीद सरकारी क्रय केंद्रों पर शुरू कराई गई है। जिले में गेहूं की खेती करने वाले लगभग एक लाख चालीस हजार से अधिक छोटे बड़े किसान है। इसमें से अभी तक महज 21 हजार 89 किसानों से 12198.50 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है। बाकी किसान अपनी उपज बेचने के लिए क्रय केंद्रों का चक्कर काट रहे है। वहीं एफसीआई गोदाम प्रभारी द्वारा खरीदे गए गेहूं को मानक अनुसार न होने का हवाला देकर उतार कराने से हाथ खड़े कर दिए है। ऐसे में क्रय केंद्रों पर खरीदा गया गेहूं डंप पड़ा है। जगह न होने से केंद्र प्रभारी एक हफ्ते से खरीद बंद कर दिए है। गेहूं की खरीद बंद होने से अन्नदाता संकट में आ गया है। उसे दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। फसल तैयार होने से पहले गिरे ओले ने किसान की कमर तोड़ दिया है। उससे अभी पूरी तरह उबर भी नहीं पाया था कि दूसरी मार झेलने के लिए मजबूर हो गया है।
कोट
किसानों का गेहूं खरीदा जाएगा। जिससे लक्ष्य पूरा किया जा सके और किसान परेशान भी न हों। इसके लिए जो भी जरूरी कदम होगा उठाया जाएगा। एफसीआइ गोदाम प्रभारी को खरीदे गए गेहूं का उतार कराने के लिए सख्त निर्देश दिए गए है।
-बीसी गौतम, जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी, अमेठी