सांसद निधि के संचालन को खुले खातों से हटवाया था सीडीओ का नाम
अमेठी सांसद निधि के रूप में विकास कार्यो के लिए मिलने वाली रकम का खर्च वैसे तो डीएम और
अमेठी : सांसद निधि के रूप में विकास कार्यो के लिए मिलने वाली रकम का खर्च वैसे तो डीएम और सीडीओ के संयुक्त हस्ताक्षर से होता है। बावजूद प्रशांत शर्मा ने डीएम रहते हुए अमेठी सांसद की निधि खर्च करने के लिए संचालित होने वाले तीनों खातों से सीडीओ का नाम बाकायदा आदेश जारी कर हटवा दिया था। इतना ही नहीं उन्होंने सभी खातों के संचालन की जिम्मेदारी खुद के जिम्मे कर ली थी।
इतना ही नहीं, पूर्व सांसद राहुल गांधी की बाकी बची निधि से होने वाले विकास कार्यो का प्रस्ताव और तमाम कार्ययोजना आम चुनाव के पहले जारी होने के बाद भी अचानक मौजूदा संस्थाओं से काम वापस लेकर एक दागदार संस्था को दे दिया। जब इस बात की जानकारी कांग्रेसियों को हुई तो वह विरोध में सड़क पर उतरे। डीएम के विरोध में प्रदर्शन करते हुए राज्यपाल से पूरे मामले की जांच करवाने की मांग की। खूब हाय-तौबा मची, लेकिन प्रशांत शर्मा के आगे किसी की नहीं चली। अब जब प्रशांत शर्मा पर योगी सरकार द्वारा कार्रवाई की गई तो एक-एक कर कई पुराने मामले सार्वजनिक होने लगे हैं।
डीएम रहते हुए प्रशांत ने 20 सितंबर को बैंक ऑफ इंडिया की गौरीगंज शाखा को पत्र लिखकर सांसद स्थानीय क्षेत्र योजना के दो व सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना प्रासंगिक मद के खातों के संचालन की जिम्मेदारी से सीडीओ को मुक्त कर दिया था। जबकि सूबे के दूसरे जिलों में इन खातों का संचालन डीएम व सीडीओ के संयुक्त हस्ताक्षर से होता है। हालांकि, सीडीओ प्रभुनाथ ने इस बाबत पूछे जाने पर किसी भी तरह के कमेंट से इन्कार कर दिया।