जोश-जज्बात पर भारी पड़ा लोकतंत्र
अमेठी लोकतंत्र को मजबूत करने की चाहत हर उम्र में दिखी। मतदान प्रक्रिया शुरू होने के सा
अमेठी : लोकतंत्र को मजबूत करने की चाहत हर उम्र में दिखी। मतदान प्रक्रिया शुरू होने के साथ वृद्ध मतदाताओं से लेकर युवाओं में जोश और जज्बात लोकतंत्र को लेकर दिखाई पड़ा। सोमवार को जो उत्साह वृद्ध मतदाताओं का दिखा वह काबिले तारीफ रहा। सौ साल की उम्र पार करने के बाद भी मताधिकार करने का उत्साह बूथों तक खींच लाया। कोई बेटे के साथ पहुंचा तो किसी मददगार के सहारे पहुंचकर अपने मतदान सदउपयोग किया। भादर विकास खंड के 105 वर्षीय वृद्धा धनपती देवी 1952 से लेकर अब तक कई मतदान कर चुकी हैं। हालांकि पहले की अपेक्षा अब चुनावी प्रक्रिया में बदलाव हो चुका है, लेकिन वोट देने की हसरत लिए वह बूथ तक पहुंच गई। शाहगढ़ की 99 वें वर्षीय रजवंता देवी भी परिवारीजनों के सहारे से बूथ पर पहुंची और मताधिकार का प्रयोग किया। गौरीगंज विधानसभा के चौक बाजार निवासी 93 वर्षीय हसीना खान भी लाठी लिए बिना किसी मदद लिए अकेले मतदान किया और फिर चुपचाप घर चली गई। गौरीगंज के माडल बूथ जीजीआईसी पर सिद्धनाथ तिवारी 96 वर्ष की उम्र में अपने पोते के साथ पहुंच लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए अपने मत का प्रयोग किया।
-नहीं दिखे माडल बूथों पर दिव्यांगों और वृद्धों के लिए व्यवस्था
जहां मतदाताओं ने लोकतंत्र की मजबूती के लिए अपना जोश व जज्बात के साथ उत्साह दिखाया वहीं प्रशासन उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका। निर्वाचन आयोग ने माडल बूथों पर मतदाताओं को लुभाने के साथ ही मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने की बात कही थी, लेकिन वह कहीं भी नहीं दिखाई दिया। गौरीगंज विधानसभा के जीजीआईसी माडल बूथ पर सुविधाओं के नाम पर महज चार कुर्सी, टेंट और कुछ गुब्बारे के सिवा कोई व्यवस्था नहीं दिखाई पड़ी। वहीं सखी बूथ तो सामान्य बूथों की तरह ही नजर आया।