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बिना चारा, भूसा के चल रहे गो आश्रय स्थल

क्षेत्र की 54 ग्राम पंचायतों में से मात्र मवैया रहमतगढ़ व सेवरा ग्राम पंचायत में ही यह स्थल संचालित हैं। अप्रैल 2019 में स्थापित मवैया रहमतगढ़ गो आश्रय स्थल हो या सेवरा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 11:38 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 11:38 PM (IST)
बिना चारा, भूसा के चल रहे गो आश्रय स्थल
बिना चारा, भूसा के चल रहे गो आश्रय स्थल

अमेठी : गोवंश को संरक्षण प्रदान करने वाली गो आश्रय स्थल जैसी महत्वाकांक्षी योजना मजाक बनकर रह गई है। जिनमें पल रहे गोवंशों को न तो दाना-भूसा मिल रहा है, न ही संरक्षण। क्षेत्र की 54 ग्राम पंचायतों में से मात्र मवैया रहमतगढ़ व सेवरा ग्राम पंचायत में ही यह स्थल संचालित हैं। अप्रैल 2019 में स्थापित मवैया रहमतगढ़ गो आश्रय स्थल हो या सेवरा। यहां पल रहे गोवंशों के चारा व चूनी चोकर के मद में पिछले जून महीने से सरकार ने कोई धन नहीं दिया है। जून से अब तक ग्राम प्रधान ने गो सेवा समझकर उनके चारा व चूनी चोकर पर सात लाख 28 हजार 640 रुपये खर्च कर दिया है, किन्तु उन्हें आज भी धन प्राप्त नहीं हुआ है। जून से सितंबर तक 176 और अक्टूबर से 151 गोवंश पल रहे हैं। सरकार से धन न मिलने के कारण ग्राम प्रधान ललिता पाल ने 21 सितंबर को बीडीओ,14 अक्टूबर को मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को लिखित पत्र देकर गो आश्रय स्थल की आर्थिक तंगी से अवगत कराया है। लेकिन कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला। उन्होंने 20 अक्टूबर को डीएम, सीवीओ, सीडीओ व बीडीओ को समस्या को लेकर एक पत्र स्पीड पोस्ट किया है। फिर भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। बीते 24 अक्टूबर को सीडीओ डॉ. अंकुर लाठर ने गो आश्रय स्थल मवैया रहमतगढ़ का स्थलीय निरीक्षण किया पर यहां की बदहाली कम नहीं हुई। गोवंश का संरक्षण ही नहीं, यहां काम करने वाले पांच अदद केयर टेकरों को जून महीने से पारिश्रमिक भी नहीं मिल सका है। सरकारी आदेशों के अनुसार यहां पलने वाले गोवंशों को प्रतिदिन प्रति गोवंश 30 रुपये की दर से भूसा, हरा चारा या चूनी चोकर पर व्यय का प्राविधान है। इन गोवंशों की सेहत सुधारने के लिए दी जाने वाली धनराशि जून महीने से नहीं मिली है।

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ग्रांट का इंतजार : खंड विकास अधिकारी राजीव गुप्ता बताते हैं कि अभी हाल में उन्होंने गो आश्रय स्थलों का निरीक्षण किया है। प्रधानों की समस्या जायज है। जैसे ही शासन से ग्रांट मिलेगी। उन्हें धनराशि उपलब्ध करा दी जाएगी।


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