सिल्ट सफाई में हो रही काली कमाई
खनन कारोबार से जुड़े लोगों ने खोजा जुगाड़ और विभाग मददगार बना।
अमेठी : नहरों की सफाई में सिल्ट के साथ निकलने वाली बालू ठेकेदारों के साथ ही खनन कारोबार से जुड़े लोगों के लिए काली कमाई का जरिया बन गई है। यही नहीं रेत बेचने वाले इस गोरखधंधे में विभाग के जिम्मेदार भी शामिल हैं।
बीते सप्ताह शारदा सहायक खंड- 49 की औरंगाबाद माइनर की सिल्ट सफाई जेसीबी मशीन से की गई थी। सफाई में निकली सैकड़ों घन फीट रेत को नहर की दोनों पटरियों पर डंप कर दिया गया। इससे पटरी मार्ग अवरुद्ध हो गया, जिससे किसानों को आवागमन में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। उधर, विभाग के ठेकेदार ने नहर पटरी से सिल्ट हटाने की बजाए उसकी बिक्री शुरू कर दी। नियमानुसार सिल्ट सफाई के बाद पटरियों की सफाई व सिल्ट लेवलिग (समतलीकरण) का जिम्मा ठेकेदार को दिया गया है।
रात के अंधेरे में हो रही सिल्ट की ढुलाई :
ग्रामीणों की मानें तो औरंगाबाद रजवहा के किनारे सफाई के बाद डंप सिल्ट रात के अंधेरे में ट्रैक्टरों के माध्यम से चोरी-छिपे बेची जाती है। ढुलाई कार्य में लगे एक मजदूर ने बताया कि सिल्ट का उपयोग सरकारी भवनों व अन्य स्थानों पर हो रहा है।
सहायक अधिशाषी अभियंता बाबूलाल ने बताया कि नहर की पटरियों पर डंप अतिरिक्त रेत समितियों के माध्यम से नीलाम की जाएगी। सात ही उक्त आमदनी समिति के खाते में जाएगी, जिसका उपयोग भविष्य में नहर कटान होने पर किया जाएगा। बगैर नीलामी के रेत की ब्रिकी करना गलत है। यदि ऐसा हो रहा है तो कार्रवाई होगी।
गड्ढे व सड़क पर गिट्टी बन रही हादसों की वजह :
सोनारी से रतापुर होते हुए भादर तक जाने वाला संपर्क मार्ग खस्ताहाल है। सोनारी के पास बड़े-बड़े गड्ढे दुर्घटना को आमंत्रण दे रहे हैं। रामगंज से अग्रेसर होते हुए बंगलवा की तरफ जाने वाले मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। गिट्टी उखड़ गई हैं। आए दिन राहगीर गिरकर चोटिल हो रहे हैं। दुर्गापुर अमेठी मार्ग पर नर बहनपुर गांव से बिसानी अलहदादपुर की तरफ जाने वाले संपर्क मार्ग पर वाहन तो दूर पैदल चलना भी दुश्वार हो गया है। संजय जायसवाल, रामविशाल, दीपू तिवारी, ननके तिवारी, संदीप सिंह, आत्मा राम साहू आदि क्षेत्रवासियों का कहना है कि इन सड़कों का बहुत बुरा हाल है। कई बार शिकायत के बावजूद विभागीय अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया।