किस्त की आस में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर लाभार्थी
प्रधानमंत्री ने वर्ष 2016 में देश के हर गरीब को छत देने
अमेठी : प्रधानमंत्री ने वर्ष 2016 में देश के हर गरीब को छत देने के संकल्प के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना लागू की थी, जिसमें जायस नगर पालिका के बाशिंदों को तीन चरणों में लाभार्थियों को 2788 आवास मिले हैं। इस योजना के तहत लाभार्थियों को आवास निर्माण के प्रथम चरण में 50 हजार रुपये, दूसरे चरण में डेढ़ लाख और तीसरे चरण में 50 हजार रुपये मिलने थे। कुल ढाई लाख डूडा द्वारा सीधे तौर पर लाभार्थियों के खाते में धनराशि भेजी जाती है। लेकिन, यहां संबंधित विभाग अधिकारियों की लापरवाही के चलते सरकार का मंशा पूरी नहीं हो पा रही है। लाभार्थियों में किसी का पात्रता सूची में नाम आने के बाद भी उन्हें पहली किस्त नहीं मिल पा रही है तो तमाम लाभार्थी नौ माह से दूसरी किस्त मिलने की आस में बिना छत के ही खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है तो तमाम लाभार्थी आखिरी किस्त के इंतजार में आवास पर प्लास्टर नहीं करा पा रहे हैं। हर कोई परेशान है, मगर जिम्मेदार खुद में मस्त हैं।
लाभाथियों की सुनिए पीड़ा :
नगर के प्रधानमंत्री आवास लाभार्थी इन्द्रपरी पत्नी राजपाल मौर्य, मंजू पत्नी हरिहर मौर्या, राजीव मौर्या, राम दुलारे, आयशा पत्नी स्व. मोहम्मद इस्लाम, कमर जहां पत्नी स्व रियाज, सरवरी पत्नी मोहम्मद नसीम, तबस्सुम पत्नी कमाल अख्तर, अख्तरी पत्नी मकबूल, नूर जहां पत्नी नब्बन, वसीमा पत्नी मुंशीर, ताहिरा पत्नी जमील अहमद, अनवर पुत्र बब्बू, कासिम पुत्र स्व. अब्दुल हक ने बताया कि जून माह में उन्हें प्रधानमंत्री आवास की पहली किस्त 50 हजार रुपये मिली थी। तब हम अपना घर गिराकर सात फीट की दीवार के साथ ही खिड़की, दरवाजे के चौखट, बाजू लगवा दिए। अब दूसरी किस्त मिले तो छत पड़े। हम नौ महीने से दूसरी किस्त का इंतजार कर रहे हैं। छत न होने से पहले बरसात और अब इस हाड़ कंपाती सर्दी में भी अधूरे प्रधानमंत्री आवास में टाट पन्नी तान कर रहने को मजबूर हैं। इसी तरह अनवरी, अनूप श्रीवास्तव सहित तमाम लोगों ने बताया कि एक वर्ष पहले ही उनका नाम पात्रता की सूची में आया था। लेकिन, जिम्मेदारों को सुविधा शुल्क न दे पाने के कारण उन्हें इस योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है। कई बार की गई मांग : पालिका अध्यक्ष :
नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष महेश प्रताप सोनकर ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास की दूसरी किस्त के लिए कई बार डूडा के अधिकारियों से मांग की जा चुकी है, पर अभी तक पैसा नहीं आया है। इस संबंध में डूडा के परियोजना अधिकारी उमाशंकर वर्मा से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि वह मीटिंग में हैं। इस संबंध में बाद में बात होगी।