असली के लेबल पर बेची जाती नकली शराब
अमेठी : नकली शराब का कारोबार अमेठी में बड़े पैमाने में होता है। रसूखदारों के साथ विभाग की सरपरस्ती म
अमेठी : नकली शराब का कारोबार अमेठी में बड़े पैमाने में होता है। रसूखदारों के साथ विभाग की सरपरस्ती में कारोबार पूरे जिले में फैला हुआ है। पड़ोसी जनपदों से नकली शराब में यहां मिलावट कर नकली का लेबल हटा उसे असली बना दिया जाता है और फिर उसे लाइसेंसी दुकानों पर पहुंचा दिया जाता है। ऐसा नहीं की इस बात के बारे में आबकारी व पुलिस महकमा नहीं जानता है। सभी कुछ उन्हीं की शह पर चलता आ रहा है। मामला जब बड़े स्तर पर पहुंच जाता तो एसटीएफ टीम छापेमारी कर कारोबार का भंडाफोड़ करती है।
बाराबंकी जिले के रामनगर में जहरीली शराब से हुई मौतों ने एक बार फिर आबकारी महकमे को सवालों के घेरे में ला दिया है। जिले में भी नकली शराब के कारोबार से पुराना नाता रहा है। आंकड़ों पर गौर करें अब जो मामले सामने आएं हैं उससे यह साफ होता है कि इसकी जड़ें काफी गहरी हैं। गत वर्ष 23 नवंबर को मोहनगंज थानाक्षेत्र की राजाफत्तेपुर गांव में एक शराब कारोबारी के घर से तीन सौ बोतल नकली शराब बरामद की गई थी। इसी के एक माह बाद आठ दिसंबर 2018 को कमरौली थानाक्षेत्र के रोड नंबर एक बड़े गोदाम का भंडाफोड़ स्वाट टीम ने किया था, जहां हजारों लीटर नकली शराब के साथ ही 41 ड्रम केमिकल व असली शराब के रैपर बरामद हुए थे। 14 मार्च 2019 को मोहनगंज थानाक्षेत्र के जमुरवा गांव में लखनऊ की एसटीएफ टीम ने 3126 लीटर नकली शराब, 16 सौ खाली बोतलें व आधा दर्जन से अधिक कारोबारियों को असली रैपर के साथ पकड़ा था। 17 मार्च को इसी थानाक्षेत्र के कमई गांव स्थित देशी शराब के ठेके से 337 पेटियों में रखी 1665 बोतल नकली शराब पुलिस टीम ने बरामद की। 30 मार्च को एसडीएम ने भेलई कला गांव में देशी शराब की दुकान में छापेमारी के दौरान पांच पेटियों में रखी सवा दो सौ बोतल नकली शराब बरामद की थी। मामले में आबकारी महकमे की भूमिका सवालों के घेरे में रही, लेकिन कार्रवाई के नाम पर महज खानापूर्ति कर मामले से इतिश्री कर ली गई।
नहीं चेत रहा महकमा
जिले में नकली शराब पीने से दर्जन भर से अधिक लोगों की मौत दशक भर में हो चुकी है, लेकिन महकमा चेत नहीं रहा है। 2015 में हुए पंचायत चुनाव के दौरान भी बाजारशुकुल के महोना में नकली शराब ने कई लोगों की जाने ली थी। लगातार घटनाओं के बाद भी आबकारी महकमे के साथ ही पुलिस महकमा चेत नहीं रहा है।
ऐसे बनती है नकली शराब
नकली शराब बनाने में हर उस चीज का इस्तेमाल होता है, जो जीवन को नुकसान पहुंचता है। नकली शराब के निर्माण में यूरिया के साथ ही खतरनाक केमिकल भी नशे के लिए डाले जाते हैं। इतना ही नहीं सड़े गले फलों का प्रयोग भी इसमें होता है। महुआ सिर्फ नाममात्र का ही इस्तेमाल रहता है। आक्सीटोसिन व यूरिया की वजह से शराब मेथाइल एल्कोहल का रूप धारण कई बार मौत का सामान बन जाती है।
हो रही दुकानों की जांच
''जिलाधिकारी के निर्देश पर जिले में संचालित सभी लाइसेंसी दुकानों के साथ गोदाम भी जांच कराई जा रही है। इसके लिए पुलिस टीम का भी सहयोग लिया जा रहा है। नकली शराब की जहां सूचना मिल रही है वहां दबिश दी जा रही है। ''
-महेश प्रसाद, जिला आबकारी अधिकारी, अमेठी