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कोरोना दिखा रहा भयानक रूप,185 और संक्रमित

कोरोना का चेहरा हर दिन विकराल होता जा रहा है। दो और

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Apr 2021 11:27 PM (IST)Updated: Sun, 18 Apr 2021 11:27 PM (IST)
कोरोना दिखा रहा भयानक रूप,185 और संक्रमित
कोरोना दिखा रहा भयानक रूप,185 और संक्रमित

अमेठी : कोरोना का चेहरा हर दिन विकराल होता जा रहा है। दो और लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई। 185 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। रविवार को राहत वाली बात यह रही कि तमाम दुखद खबरों के बीच दस लोग ठीक होकर कोविड अस्पताल से वापस घर गए।

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रविवार को आई कोरोना की जांच रिपोर्ट में 185 लोग संक्रमित निकले हैं जबकि शनिवार को 114 संक्रमित मिले थे। जिले में कुल संक्रमित की संख्या 773 हो गई है। सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि दस लोग उपचार के बाद ठीक हो गए हैं जिन्हें अस्पताल से छुट्टी देकर घर भेजा गया है। दो लोगों की मृत्यु हो गई है। कोरोना की दूसरी लहर में मृतकों की संख्या 17 हो गई जबकि अब तक कुल 53 लोगों की मौत हुई है। सीएमओ ने कहा कि कोरोना के प्रति लोगों को और अधिक सावधान होने की जरूरत है। थोड़ी सी लापरवाही से खुद के साथ दूसरों को परेशानी होने से बचाने का प्रयास सभी को करना होगा। जिलाधिकारी अरुण कुमार ने टीकाकरण के साथ ही जांच में और अधिक तेजी लाने का आदेश दिए हैं। आइसोलेशन का नहीं किया जा रहा पालन, बढ़ रहा संक्रमण

सुलतानपुर: होम आइसोलेशन व्यवस्था का ठीक ढंग से पालन न होने पर संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। वहीं पंचायत चुनाव में आए मतदान करने अपने घर आए प्रवासियों की भी गांव में जांच पड़ताल न होने से भी दिक्कत दोगुनी हो रही है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा ज्यादा से ज्यादा मरीजों को होम आइसोलेट किए जाने पर ही जोर दिया जा रहा है।

कोरोना की दूसरी लहर में जिले में संक्रमित मरीजों के मिलने की भी संख्या प्रतिदिन तीन सौ के पार हो गई। एल वन, एलटू अस्पताल में डेढ़ सौ बेड की व्यवस्था होने के चलते अधिकांश मरीजों को होम आइसोलेट कर दिया जाता है। मरीज भी होम आइसोलेट किए जाने के ही पक्ष में रहते हैं। अधिकांश संक्रमितों द्वारा घर में शारीरिक दूरी बनाकर कोविड गाइड लाइन का अनुपालन नहीं किया जाता है। शासन के निर्देश पर गांवों में बनाई गई स्थाई समितियों द्वारा भी लापरवाही बरतने वालों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग से साझा नहीं की जाती है, जिससे संक्रमण का फैलाव तेजी से होता है। आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा प्रतिदिन मरीजों की देखभाल कर उनके मूवमेंट पर नजर रखने की जिम्मेदारियों का वहन नहीं किया जाता है।

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संक्रमित मरीज अस्पताल जाने से बचने के लिए होम आइसोलेशन तो हो जाते हैं, लेकिन नियमों का पालन नहीं करते हैं। सर्दी जुकाम, गला खराब होने कोरोना जांच आवश्यक है। रिपोर्ट निगेटिव होने पर भी दवाओं को सेवन करते नजर चाहिए।

डॉ. डीके त्रिपाठी, सीएमओ


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