बालिका विद्यालय के भवन निर्माण की दूसरी किस्त का 15 साल से इंतजार
अभी और 10 लाख रुपये की है दरकार पूरा हो भवन निर्माण तो पठन-पाठन शुरू हो।
अमेठी : बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शासन स्तर पर असेवित विकास खंडों में संचालित बालिका विद्यालय स्थापना योजना अंतिम सांसें ले रही है। प्रदेश की तत्कालीन कल्याण सिंह सरकार ने इस विकास खंड को असेवित की श्रेणी में रखते हुए योजना का लाभ दिया। दस लाख रुपये मिले, जिससे भवन का निर्माण शुरू हुआ। दस लाख रुपये और मिलें तो निर्माण पूरा हो। लेकिन, 15 सालों में पैसा नहीं मिल सका, जिससे भवन निर्माण अधर में है।
वर्ष 1996 में क्षेत्र की श्रीमती रामराजी देवी शिक्षण संस्थान संसारपुर ने इस योजना के तहत बालिका विद्यालय के लिए सरकार को प्रस्ताव दिया था। शासन स्तर से काफी जद्दोजहद के बाद संस्थान को वर्ष 2004 में विद्यालय निर्माण की जिम्मेदारी दी गई। भवन निर्माण के लिए दी जाने वाली 20 लाख रुपये की धनराशि को दो किस्त में भुगतान किया जाना था। संस्थान को पहली किस्त 10 लाख रुपये दिए गए, जिससे संस्थान ने मानक के अनुरूप निर्माण कराया।
लेकिन, दूसरी किस्त अब तक तक नहीं मिली। बालिका विद्यालय का दो मंजिला भवन है, जिस पर प्लास्टर व रंगाई-पुताई नहीं हुई। योजना के तहत बनने वाले विद्यालय में पांच शिक्षण कक्ष, एक प्रधानाध्यापक कक्ष, एक कार्यालय, शौचालय व कमरों के सामने बरामदा बनाने का नियम था। कार्यदायी ने उसी मानचित्र के मुताबिक निर्माण कराया। पिछले 15 वर्षों से अधूरे विद्यालय भवन को देखकर सरकार के नारी सशक्तीकरण के दावों का अंदाजा बखूबी लगाया जा सकता है।
इस संबंध में संस्थान के प्रबंधक उमा शंकर पांडेय ने बताया कि उनके स्तर पर काफी प्रयास किया गया, मगर अब तक दूसरी किस्त नहीं मिली। बताया कि 10 लाख रुपये भवन निर्माण पर खर्च हुए हैं। दूसरी किस्त मिलने पर निर्माण पूरा कर कक्षाएं संचालित कराईं जाएंगी।