तमसा तीरे दंगल में पहलवानों ने दिखाया दमखम
अच्छा स्थान रखने वालों के पीछे दौड़ रही है। उक्त बातें बंदीपुर तमसा तीरे स्थित जगरदेव बाबा मंदिर परिसर में
अंबेडकरनगर : पहलवानों व खिलाड़ियों का महत्व कभी कम नहीं हुआ है। शिक्षित लोग एक तरफ जहां बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सरकारी नौकरी, खेल एवं पहलवानी में मुकाम पाने वालों के पीछे दौड़ रही है। यह बातें बंदीपुर तमसा तीरे स्थित जगरदेव बाबा मंदिर परिसर में आयोजित राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि जलालपुर विधायक सुभाष राय ने कहीं।
प्रतियोगिता का उद्घाटन करते हुए सपा जिलाध्यक्ष रामशकल यादव ने कहा कुश्ती एक प्राचीन खेल है। इससे समाज में आपसी सछ्वाव एवं भाईचारा प्रगाढ़ होता रहा है। दुर्भाग्य से युवा कुश्ती जैसे सम्मानपूर्ण खेल से विमुख होता जा रहा है। प्रतियोगिता के शुरुआत में पक्खनपुर बिछैला निवासी राजन सिंह पहलवान ने डीएलडब्लू वाराणसी के देवकिशन पहलवान मथुरा को पटखनी दी। अखिलेश पहलवान वाराणसी ने ऋषभ पहलवान उधौपट्टी को हराया। अरविद पहलवान दिल्ली तथा चंद्रभूषण डीएलडब्लू बराबर पर रहे। शत्रुघ्न पहलवान ने शिवम कदमघाट को पटखनी दी। सुमित हरियाणा और सुरेंद्र वाराणसी का साथ बराबर पर छूटा। निर्णायक की भूमिका में राजेश सिंह कोच लखनऊ रहे।
दंगल कुश्ती का समापन लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रनेता नीरज प्रताप सिंह ने किया। आयोजक राजेंद्र सिंह पहलवान ने अतिथियों के प्रति आभार जताया। आयोजक अमिताभ, आनंद पूर्व यूपी केशरी, तेजबहादुर सिंह नाहरमऊ, पूर्व जिला पंचायत सदस्य व पहलवान श्रीकांत राय समेत दर्जन भर पहलवानों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। प्राचार्य दिनेश कुमार सिंह, मुन्ना सिंह, विध्याचल सिंह, राजितराम यादव, जयप्रकाश सिंह प्रधान, डॉ. अखंड प्रताप सिंह, हरिओम तिवारी, रामसंहार सिंह, राजकुमार सिंह आदि मौजूद रहे।