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कर्मचारी के पैन पर अपलोड करें टीडीएस कटौती

अंबेडकरनगर : आय के स्त्रोत पर अदा होने वाले टैक्स के सापेक्ष होने वाली टीडीएस (आय के स्त्रोत पर

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 12:10 AM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 12:10 AM (IST)
कर्मचारी के पैन पर अपलोड करें टीडीएस कटौती
कर्मचारी के पैन पर अपलोड करें टीडीएस कटौती

अंबेडकरनगर : आय के स्त्रोत पर अदा होने वाले टैक्स के सापेक्ष होने वाली टीडीएस (आय के स्त्रोत पर कटौती) को अपलोड किए जाने में आहरण-वितरण अधिकारियों द्वारा नियमानुसार अपलो¨डग का पालन नहीं किया जाता है। ऐसे में संबंधित अधिकारी तथा कर्मचारी को इसका समुचित लाभ नहीं मिल पाता है। इसके लिए मंगलवार को विकास भवन सभागार में आयकर विभाग की ओर से कार्यशाला का आयोजन कर जनपद के सभी आहरण-वितरण अधिकारियों तथा कर्मचारियों को टीडीएस कटौती के बारे में प्रशिक्षित करते हुए समयबद्धता के बीच इसे अपलोड किए जाने से परिचित कराया गया।

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मुख्य विकास अधिकारी उमेश नारायण पांडेय की अध्यक्षता में हुई कार्यशाला के दौरान आयकर अधिकारी मुहम्मद हलीम सिद्दीकी ने बताया कि आय के कुल पांच स्त्रोत होते हैं। इसमें सबसे पहले वेतन से होने वाली आय प्रमुख है। इसके अलावा भवन आदि के किराए से होने वाली आय, संपत्ति से आय तथा अन्य स्त्रोतों से होने वाली आय पर आयकर अदा किया जाता है। उक्त आयकर पर टीडीएस की कटौती की जाती है। कार्यशाला में अधिकारियों तथा कर्मचारियों के वेतन से टीडीएस की कटौती को लेकर कार्यशाला का आयोजन किए जाने के नाते मसला वेतन से ही जुड़ा रहा। ऐसे में आयकर अधिकारी (टीडीएस) फैजाबाद के सुनील श्रीवास्तव ने बताया कि विभागों में अधिकारियों तथा कर्मचारियों के आयकर और टीडीएस की कटौती आहरण-वितरण अधिकारियों तथा कर्मचारियों द्वारा की जाती है। आमतौर पर देखा जा रहा है कि टीडीएस की कटौती करने के बाद इसे नियमानुसार संबंधित कर्मी के नाम पर इसे अपलोड नहीं किया जा रहा है। बल्कि सामूहिक तौर पर इसे जमा कर दिया जाता है। इसके चलते कर्मी पर टीडीएस की कटौती की देयता आयकर विभाग में प्रदर्शित होती रहती है। जबकि टीडीएस की कटौती को संबंधित अधिकारी तथा कर्मचारी के पैन (परमानेंट एकाउंट नंबर)पर अलग-अलग अपलोड किया जाना चाहिए। आयकर निरीक्षक आनंद शुक्ल ने बताया कि करदाताओं को अपने अग्रिम आयकर तथा टीडीएस की कटौती की दूसरी किश्त आगामी 15 सितंबर से पहले जमा करने चाहिए। इसके अलावा आयकर विभाग की ओर से जारी होने वाली विभिन्न नोटिसों के माध्यम से मांगी जाने वाली जानकारी भी समय सीमा के भीतर विभाग को भेजने का आग्रह किया गया। कार्यशाला में वरिष्ठ सहायक हरिकेश दुबे, आलोक ¨सह, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक प्रदीप पांडेय, जिला विकास अधिकारी मथुरा प्रसाद मिश्र, वरिष्ठ कोषाधिकारी जगरोपन राम, उप कृषि निदेशक रामदत्त बागला समेत सभी विभागों से आहरण-वितरण अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित रहे।


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