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धंसी सीट और गड्ढा खोदने तक सिमटा शौचालय

किछौछा (अंबेडकरनगर) : बेसलाइन सर्वे में जिले के सभी गांव भले ही ओडीएफ घोषित कर जिला प

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 10:20 PM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 10:20 PM (IST)
धंसी सीट और गड्ढा खोदने तक सिमटा शौचालय
धंसी सीट और गड्ढा खोदने तक सिमटा शौचालय

किछौछा (अंबेडकरनगर) : बेसलाइन सर्वे में जिले के सभी गांव भले ही ओडीएफ घोषित कर जिला प्रशासन अपनी पीठ थपथपा रहा है, लेकिन हकीकत इससे अलग है। विकासखंड बसखारी के विभिन्न ग्राम पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बन रहे शौचालयों की गुणवत्ता मानक को दरकिनार करते हुए शासन की मंशा पर पानी फेर रही है। शासन का ड्रीम प्रोजेक्ट होने के चलते गांव में शौचालयों की संख्या धरातल पर दिखाई पड़ने लगी हैं, लेकिन गुणवत्ता विहीन शौचालयों का निर्माण उसे अनुपयोगी सिद्ध कर रहा है। मानक रहित एवं गुणवत्ता विहीन शौचालयों के चलते लाभार्थी जहां अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। वही कागजों पर कोरम एवं भौतिक सत्यापन के डर से पूरा कराने की दौड़ मे शामिल होने के लिए ग्राम पंचायत सचिव लोगों का जीवन भी जोखिम में डालने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। इसकी बानगी विकासखंड बसखारी के अरूसा आजमपुर ग्राम पंचायत में बने शौचालय है। जहां अभी निर्माणाधीन ही मानक एवं गुणवत्ता विहीन होने के चलते सीट धंसना शुरू हो गई है। वहीं 15 दिन से अधिक गड्ढों को खोदकर छोड़ देने के चलते लोगों के लिए आफत भी बन गई है। अरूसा आजमपुर निवासी सुखराम ने बने हुए शौचालय को दिखाते हुए बताया कि जैसे ही सीट पर पैर रखा जाता है सीट धंसना शुरू हो जाती है। राजकुमार की पत्नी ने 15 दिन पूर्व खोदे गए शौचालय के गड्ढे को दिखाते हुए बताया कि अभी तक किसी कर्मचारी ने इसकी सुधि नहीं ली, जबकि इसमें गाय एवं बच्चे अक्सर गिरते रहते हैं। एडीओ पंचायत जेपी ¨सह कहते हैं कि लक्ष्य के अनुरूप शौचालय का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। जहां कमियां हैं, उसे भी ठीक कराया जाएगा। 1772 आवेदन निरस्त, 406 शौचालय बनने का दावा

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इल्तिफातगंज : स्वच्छ भारत अभियान के तहत खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए नगर पंचायत इल्तिफातगंज कस्बे के में 1859 शौचालयों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। कुल बजट 148.72 लाख रुपये राज्यांश और केंद्रांश का मिलाकर पास भी है। इसके अनुरूप 2310 आवेदन शौचालय निर्माण के लिए कस्बा वासियों ने ऑनलाइन एवं ऑफलाइन मिलाकर आवेदन किया था। पहले तो 1772 आवेदन कार्यालय की तरफ से जांच उपरांत निरस्त कर दिए गए थे। निकाय की आवश्यकता के अनुसार सर्वेक्षक लक्ष्य 460 ही मान लिया गया। 406 शौचालय निर्माण कागजी रिकार्ड के मुताबिक हो चुका है। इसके लिए 450 लाभार्थियों के खाते में दो किस्त चार-चार हजार रुपये की दे दी गई है, लेकिन शौचालय के निर्माण में देरी से खुले में शौच को रोकने में नगर पंचायत कार्यालय फेल होती नजर आ रही है। कार्यालय के बड़े बाबू नियाज ने बताया कि कस्बे में करीब 903 आवास बनने हैं, जिनमें शौचालय भी बनाया जाना है। इससे शासन से निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप शौचालय पूरे हो जाएंगे।


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