सीताहरण व जटायु वध के मंचन में दर्शक भावुक
सिलावट गांव में चल रही रामलीला में चौथे दिन सीताहरण और जटायु वध का मंचन किया गया।
अंबेडकरनगर : सिलावट गांव में चल रही रामलीला में चौथे दिन सीताहरण और जटायु वध का मंचन किया गया। सूर्पणखा अपने साथ हुई घटना की जानकारी भाइयों खर-दूषण को देती है। यह सुनकर खर-दूषण क्रोधित हो उठते हैं और अपनी सेना के साथ भगवान राम और लक्ष्मण के साथ युद्ध करते हैं। भगवान श्रीराम खर-दूषण को मारकर परमधाम पहुंचा देते हैं। भाइयों की मौत पर रावण क्रोधित हो जाता है। मामा मारीच के पास पहुंचता है और उसे सीताहरण के लिए तैयार करता है। रावण के डर से मारीच सोने का हिरण बनकर चित्रकूट जाता है। जिसे देख माता सीता उस पर मोहित हो जाती हैं और भगवान राम से कहती हैं, हे प्रभु मुझे वह हिरण बहुत अच्छा लग रहा है। श्रीराम सोने के हिरण के पीछे चले जाते हैं, तभी रावण साधु का भेष धर माता सीता का हरण कर आकाश मार्ग से ले जाता है। रास्ते में जटायु से उसका युद्ध होता है। सीता को बचाने के लिए जटायु अपनी जान लगा देता है। रावण के तलवार से पंख कटने पर जटायु पृथ्वी पर गिर पड़ते हैं। रामलीला में समिति अध्यक्ष पारसनाथ सिंह, उपाध्यक्ष राम गोपाल मौर्या, संचालक विजय कुमार पांडेय, सालिकराम धुरिया, रणविजय सिंह, जगदीश प्रसाद मौर्य, सीताराम सिंह, संतोष कुमार, मेवालाल, जयकरण पाल, शिवकुमार विश्वकर्मा आदि उपस्थित रहे।
आज से जमुनीपुर में मंचन: अकबरपुर विकास खंड के जमुनीपुर बाजार की रामलीला का मंचन 31 अक्टूबर से शुरू होगा। इसका शुभारंभ पूर्व कैबिनेट मंत्री राममूर्ति वर्मा करेंगे। यह जानकारी आयोजक मंडल के रामसूरत वर्मा साधू ने दी।