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वालीबॉल और पहलवानी की नर्सरी से निकले सूरमा

खेल की विविध विधाओं में जनपद के युवा खुद को तराशने में जुटे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Aug 2020 10:19 PM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2020 06:11 AM (IST)
वालीबॉल और पहलवानी की नर्सरी से निकले सूरमा
वालीबॉल और पहलवानी की नर्सरी से निकले सूरमा

अंबेडकरनगर : खेल की विविध विधाओं में जनपद के युवा खुद को तराशने में जुटे हैं। सरकार भी उनकी हसरत को मुकाम दिलाने में अभाव के कांटें चुनने में लगी है। प्रशिक्षकों की तैनाती से लेकर खेल के मैदान को गांव तक पहुंचाने में अब खेल मंत्रालय ने हाथ बढ़ाया है। मकसद ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने में मंच देना है। जिला खेल कार्यालय की ओर से राजकीय एकलव्य स्पो‌र्ट्स स्टेडियम पर प्रशिक्षकों की तैनाती के अलावा ग्रामीणांचल में तहसील स्तर पर पांच खेल केंद्र स्थापित करने की तैयारी है। जबकि मिनी स्टेडियम के निर्माण को लेकर ब्लॉक स्तर पर भूमि की तलाश गतिमान है। जिला खेल विकास एवं प्रोत्साहन समिति इसमें अहम भूमिका निभा रही है।

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-गवईं प्रतिभाओं का बजा डंका : जिला, मंडल और देश-विदेश तक अपनी प्रतिभा का डंका बजाने वालों से जनपद की धरती पहले से समृद्ध है। धावक अरविद यादव, स्वीटी वर्मा समेत कबड्डी खिलाड़ी शिवानी, तैराकी में अरन्या, धनन्या व फुटबाल में प्रीति भारती पर जनपद को गुमान है।

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अलनपुर से निकले सूरमा : पहलवानी में अलनपुर गांव पहलवानों की नर्सरी है। अलनपुर में करीब 50 पहलवान प्रतिदिन आज भी मिट्टी के अखाड़े में रियाज करते हैं। अलनपुर व अमीनपुर गांव की पुश्तैनी पेशा ही पहलवानी है। अखाड़े के उस्ताद रियासत पहलवान बताते हैं गांव के अखाड़े से तैयार पहलवान सीमा पार पाकिस्तान और नेपाल तक के पहलवानों को धूल चटा चुके है। अहद अहमद अब्दुल्ला, जिशान, उमैल, मोहम्मद अहमद, इम्तियाज, दिलशाद, शाहबे आलम एवं जहांगीर व अब्दुल्ला पहलवान सीनियर नेशनल तक कुश्ती में भाग लिए हैं। टांडा के फूलपुर गांव निवासी ध्रुवदेव पांडेय की पहलवानी का डंका भारत में बजा है।

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-वालीबॉल की नर्सरी : कुश्ती दंगल कबड्डी की धमक एक अरसे पहले मंद पड़ी तो इसका स्थान वालीबॉल ने लिया। करीब पांच दशक पहले से ही जिले में वॉलीबाल की नर्सरी चल पड़ी। शहर से अधिक गांव के मैदान पर सुबह और शाम वालीबॉल के खिलाड़ियों की चहल पहल होने लगी थी। यहां से निखर कर प्रतिभाओं ने जनपद, मंडल, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। बेहतरीन प्रदर्शन के बूते सरकारी सेवाओं में भी लोग नियोजित हुए। आज भी जिले में वालीबाल के खिलाड़ियों की फौज तैयार हो रही है। पूर्व सांसद डॉ. हरिओम पांडेय, पूर्व विधायक पवन पांडेय, लाल बिहारी सिंह व स्वर्गीय कुंज बिहारी सिंह कर्णधार माने जाते हैं।

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खेल प्रतिभाओं से जनपद काफी समृद्ध है। यहां सरकार की ओर से भी लगातार सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है। स्टेडियम पर प्रशिक्षकों की तैनाती के अलावा ग्रामीणांचल की खेल प्रतिभाओं को निखारने का प्रयास जारी है।

नीरज मिश्र जिला क्रीड़ा अधिकारी


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