बंद विद्यालय में भेजी लाखों रुपये छात्रवृत्ति
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अंबेडकरनगर : विद्यालय बंद होने पर भूमि तथा भवन को दूसरी शिक्षण संस्था को दान कर दिया गया। इसके बाद भी पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग विद्यालय में छात्रों को छात्रवृत्ति भुगतान किए जाने का दावा करता है। छात्रों का हक डकारने में पिछड़ा वर्ग समेत अल्पसंख्यक तथा समाज कल्याण विभाग के हाथ भी सने हैं। मसला वित्तीय वर्ष 2011-12 का है।
टांडा तहसील के शुकुलबाजार में संचालित रहे भगवानदास मौर्य हाईस्कूल में छात्रवृत्ति डकारने का खेल पकड़ में आया है। शिक्षण संस्थान में हुई गड़बड़ी की जांच के लिए स्थानीय निवासी रामचंदर जायसवाल ने आरटीआइ को हथियार बनाया तो गड़बड़ी की परतें खुलने लगीं। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने भगवानदास मौर्य हाईस्कूल में करीब 200 छात्रों के नाम पर वर्ष 2011 में 720 रुपये की दर छात्रवृत्ति भुगतान किए जाने का दावा किया है। जबकि इससे पहले ही शिक्षण संस्थान के प्रबंधक ने जिला विद्यालय निरीक्षक को आपनी आख्या में अवगत कराया था कि छात्र संख्या नहीं होने के चलते 2011 से कक्षाओं का संचालन नहीं किया जा रहा है। इसके आधार पर डीआईओएस ने विद्यालय की मान्यता प्रत्याहरित करने की संस्तुति उच्चाधिकारियों को भेजी थी। यही नहीं विद्यालय में अध्ययनरत छात्र भी करीब 20 से 30 किलोमीटर की दूरी तय कर रोजाना दर्जनों छात्र पढ़ने आते रहे। इससे छात्रों के पंजीयन को लेकर फर्जीवाड़ा करने का संकेत मिलता है। विभाग के अभिलेखों की आरटीआइ के तहत दी गई सूचना तथा विभागीय वेबसाइट पर ऑनलाइन सूचना भ्रामक हैं। फिलहाल विभागीय अधिकारी बैंक के जरिए वास्तविक लाभार्थियों की पहचान खंगालने में जुट गए हैं।
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विद्यालय कर चुके हैं दान : भगवानदास मौर्य हाईस्कूल की भूमि और भवन को वर्ष 2011 में भगवानदास मौर्य महिला महाविद्यालय के नाम दान कर दिया गया। सांसद और विधायक निधि से इस शिक्षण संस्थान में बनी कक्षाओं को दान देने के मामले की जांच गतिमान है।
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छात्रवृत्ति भुगतान किए जाने में वित्तीय अनियमितता होने का प्रकरण बेहद गंभीर है। इसकी जांच के लिए निर्देशित किया गया है। गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित दोषियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई किए जाने के साथ ही सरकारी धनराशि की वसूली कर राजकोष में जमा कराया जाएगा।
प्रदीप कुमार पांडेय
प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी
अंबेडकरनगर