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परशुराम-लक्ष्मण संवाद का मंचन खूब भाया

अंबेडकरनगर : बाल संघ रामलीला समिति हासिमगढ़ छितूनी की रामलीला में दूसरे दिन भगवान राम न

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 09:09 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 09:09 PM (IST)
परशुराम-लक्ष्मण संवाद का मंचन खूब भाया
परशुराम-लक्ष्मण संवाद का मंचन खूब भाया

अंबेडकरनगर : बाल संघ रामलीला समिति हासिमगढ़ छितूनी की रामलीला में दूसरे दिन भगवान राम ने महर्षि विश्वामित्र की तपस्या में बाधक बने राक्षसों का संहार किया। निशाचरों के आतंक से महर्षि विश्वामित्र व संपूर्ण मानव जाति का वजूद खतरे में पड़ गया था। इसकी रक्षा के लिए विश्वामित्र महाराज दशरथ के पास अयोध्या पहुंचे। राम और लक्ष्मण को मांगकर अपने साथ ले जाते हैं। वन में राम व लक्ष्मण की सुरक्षा में अपनी तपस्या पूर्ण की। इस दौरान बाधा पहुंचाने वाले राक्षसी ताड़का, वज्रदंत और सुबाहु का वध किया। वन भ्रमण के दौरान गौतम ऋषि की नारी अहिल्या का उद्धार किया। गुरु विश्वमित्र की आज्ञा से राम और लक्ष्मण राजा जनक की फुलवारी में जाते हैं। माली की भूमिका में राधेश्याम मौर्य ने अपने अभिनय से दर्शकों को प्रभावित किया। वाटिका की प्रशंसा सुनकर दोनों भाई प्रसन्न हो जाते हैं। इसके साथ ही राजा जनक धनुष यज्ञ में सीता स्वयंवर में पहुंचे और रावण-बाणासुर संवाद में दर्शकों को खूब भाया। विश्वामित्र के आदेश पर शिव का पुराना धनुष उठाया धनुष टूटने पर परशुराम को क्रोध आया। इसके बाद परशुराम-लक्ष्मण संवाद का मंचन कलाकारों ने किया। आयोजक मंडल के सियाराम वर्मा, राम जनक वर्मा, सतेंद्र वर्मा, दिलीप शर्मा, विपिन वर्मा, सभाजीत शर्मा, हरिशंकर वर्मा, पृथ्वीराज वर्मा, वशिष्ठ दुबे, मोतीलाल शर्मा, विपिन शर्मा आदि का योगदान रहा। ।

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