बेसिक शिक्षा की उज्ज्वल तस्वीर बना प्राथमिक विद्यालय रामपुर दुबे
शिक्षा विभाग से संचालित परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों एवं छात्रों का अनुशासन अन्य विद्यालयों के लिए मिसाल बन
अंबेडकरनगर : बेसिक शिक्षा विभाग से संचालित परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक एवं छात्रों का अनुशासन अन्य विद्यालयों के लिए मिसाल बन रहे हैं।इसके प्रति अभिभावकों का विश्वास जगा है। शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय रामपुर दुबे बेसिक शिक्षा की उज्वल तस्वीर बनकर उभरा है। प्रतिकूल परिस्थितियों व चुनौतियों से लड़कर यहां के शिक्षकों व ग्राम प्रधान ने विद्यालय को संवारने का काम किया। इससे अन्य विद्यालयों को सबक लेना चाहिए। विद्यालय की स्थापना : जनपद के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थापित करीब 25 साल पहले ग्रामीणों की मांग पर विद्यालय की स्थापना हुई। 1997 में तत्कालीन प्रधानाचार्य देवतादीन शुक्ल की अगुआई में विद्यालय में शिक्षण कार्य शुरू हुआ। इससे पहले यहां के बच्चे धवरुआ स्थित विद्यालय में पढ़ने जाते थे। विद्यालय का वातावरण पक्षियों के कलरव से गुंजायमान रहता है। शिक्षकों के प्रयास से विद्यालय परिसर में पौधारोपण कर पर्यावरण को स्वच्छ रखने का प्रयास किया गया है। सुविधा और संसाधन : चहारदीवारी होने से आवारा पशुओं से विद्यालय पूरी तरह सुरक्षित है। बिजली, पंखा, स्वच्छ पेयजल, शौचालय समेत अन्य संसाधनों से विद्यालय लैस है। ग्राम प्रधान ने मॉडल शौचालय का निर्माण कराया गया है। शिक्षकों ने आर्थिक सहयोग से मुख्य प्रवेश द्वार का निर्माण कराया। फर्नीचर मिले तो दूर हो परेशानी : विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर की दरकार है। विद्यालय परिसर में लगा विद्युत ट्रांसफॉर्मर व हाईवोल्टेज तार कभी भी दुर्घटना का सबब बन सकता है। प्रधानाध्यापक मेंहदी र•ा ने बताया इसकी सूचना दी जा चुकी है। विद्यालय ने दिए होनहार : विद्यालय में ककहरा सीख उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे रेशमा, पंकज, मनीषा, राजकुमार, संगीता आदि अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। देश सेवा के जज्बे से ओतप्रोत युवक-युवतियां अब देश सेवा के लिए लखनऊ, बीएचयू समेत अन्य विश्वविद्यालय में पढ़ रहे हैं।