बुनकर नगरी को औद्योगिक क्षेत्र घोषित करने की दरकार
अंबेडकरनगर : बुनकर नगरी को औद्योगिक क्षेत्र घोषित करने की बात शासन तक पहुंचने के वस्त्र
अंबेडकरनगर : बुनकर नगरी को औद्योगिक क्षेत्र घोषित करने की बात शासन तक पहुंचने के वस्त्र उद्योग के नगर को औद्योगिक क्षेत्र घोषित नहीं किया जा सका है। ऐसे में सुविधाओं से वंचित नगर का वस्त्र उद्योग विकसित नहीं हो सका है। देश ही नहीं सात समंदर पार यूरोपीय देशों में अपनी हुनर का लोहा मनवाने वाले बुनकर खाड़ी के देशों में अपने हुनर के बूते चीन जैसे विकसित देश को वस्त्र उद्योग में लोहा मनवा रहे हैं। बुनकरों की बदौलत ही प्राचीन नगर को औद्योगिक नगर के रूप में शुमार किया जाता है।
बुनकरी को विकसित करने के लिए सरकार की ओर से कुछ खास नहीं किया जा सका है। औद्योगिक नगर को औद्योगिक क्षेत्र घोषित करने की बहुत दिनों से चली आ रही मांग भी नक्कारखाने में तूती की आवाज बनकर रह गई है। अब प्रदेश सरकार द्वारा वन प्रोडक्ट वन डिस्ट्रिक्ट के तहत वस्त्र उद्योग को शामिल किए जाने के बाद नई आस जगी है। औद्योगिक क्षेत्र घोषित होने से यहां के वस्त्र उद्योग के विकास की रफ्तार काफी तेज हो जाती। मसलन यहां के बुनकरों को 24 घंटे बिजली मिलने लगती। नई तकनीक का बुनकर लाभ उठाते। बैंकों से ऋण मिलना भी आसान हो जाता। विद्युत आपूर्ति के बेहतर होने के साथ ही बुनकरी के पेशे से जुड़े दूसरे कारोबारों को विकसित होने के अवसर उपलब्ध हो जाते। सूत के डिपो के खुलने के साथ ही मुक्त व्यापार करने, बड़ी बाजार की सुविधा भी मिल जाती। यातायात की सुविधाएं सुलभ होने के साथ ही चमाचम सड़कों का जाल बिछा नजर आता। ऐसा भी नहीं कि बुनकरों ने नगर को औद्योगिक क्षेत्र घोषित करने की मांग नहीं किया। बुनकर एकता विकास समिति के अध्यक्ष मोहम्मद कासिम अंसारी बताते हैं कि नगर को औद्योगिक क्षेत्र घोषित करने की मांग अनसुनी रह गई है। प्रदेश सरकार द्वारा वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना में यहां के वस्त्र उद्योग को शामिल करने से नई उम्मीद की किरण दिख रही है।