पांच साल बाद भी उपकेंद्र का निर्माण अधूरा
अंबेडकरनगर : पांच वर्ष पहले से बन रहे विद्युत उपकेंद्र अधिकारियों और कार्यदायी संस्था की उ
अंबेडकरनगर : पांच वर्ष पहले से बन रहे विद्युत उपकेंद्र अधिकारियों और कार्यदायी संस्था की उदासीनता और लेटलतीफी का शिकार हो गया। इसे दो वर्ष पहले पूरा हो जाना था, लेकिन अर्धनिर्मित है। भवन, चहारदीवारी और स्विच रूम बन गया, लेकिन ट्रांसफार्मर, खंभे, रिले रूम समेत अन्य सुविधाएं नहीं पहुंची। भवन में न तो खिड़की लगी न ही दरवाजा। लिहाजा अधिकारी और कार्यदायी संस्था की लापरवाही का खामियाजा बिजली उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है।
जलालपुर उपखंड तृतीय के अतिभार को कम करने और उपभोक्ताओं को बेहतर तथा सुचारू रूप से बिजली मुहैया कराने के लिए लगभग पांच वर्ष पूर्व रुकुनपुर ग्रामसभा के मजरे टिकमलपुर में विद्युत उपकेंद्र बनाने की नींव रखी गई। पांच वर्ष में महज भवन और चहारदीवारी का निर्माण और स्विच रूम का फाउंडेशन तैयार किया गया। पिछले साल से मुख्य मार्गों तथा कई गांवों में सैकड़ों खंभे लगा दिए गए, लेकिन खंभों पर तार नहीं लगाए गए। पूरा नवनिर्मित विद्युत उपकेंद्र जंगल झाड़ी में तब्दील हो गया है। दो माह पूर्व अधिशासी अभियंता सत्यनारायण यादव ने सितंबर माह में फीडर को संचालित करने का दावा किया था, लेकिन अभी तक फीडर को चालू करने के लिए मुख्य लाइन ही नहीं बनी है। बिजली के आधे अधूरे खंभे, तार और भवन को देखकर ऐसा लगता है कि यह उपकेंद्र 2019 में ही चालू हो पाएगा। रुकुनपुर फीडर से गांवों में बिजली आपूर्ति अभी सपना है। उपकेंद्र तक बड़े वाहनों का पहुंचना टेढ़ीखीर है। उपकेंद्र पर विद्युत संयंत्र पहुंचाने के लिए सड़क का भी निर्माण करना होगा। जिसका कोई प्रस्ताव ही नहीं है। अभी दर्जनों गांवों में विद्युत आपूर्ति के लिए खंभे लगाने हैं। इस बाबत अधिशासी अभियंता सत्य नारायण यादव ने कहा कि उपकेंद्र का निर्माण लगभग पूरा होने है। अवर अभियंता संतोष शर्मा ने अक्टूबर माह में चालू करने का दावा किया है।