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परदेसी मतदाता बने पुनरीक्षण की मुसीबत

अंबेडकरनगर : मतदाता नामावली पुनरीक्षण अभियान में इन दिनों घर-घर मतदाताओं का सत्यापन किय

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 12:27 AM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 12:27 AM (IST)
परदेसी मतदाता बने पुनरीक्षण की मुसीबत
परदेसी मतदाता बने पुनरीक्षण की मुसीबत

अंबेडकरनगर : मतदाता नामावली पुनरीक्षण अभियान में इन दिनों घर-घर मतदाताओं का सत्यापन किया जा रहा है। इस बीच बीएलओ के लिए परदेसी मतदाता मुसीबत बनकर समाने आने लगे हैं। रोजगार के सिलसिले में लंबे समय से बाहर निवास करने वाले मतदाताओं को सूची में बनाए रखना उलझन बना है। वजह ऐसे मतदाता चुनाव के दौरान अपने घरों पर वापस लौटते हैं। वहीं सत्यापन के दौरान इनके अनुपस्थित रहने के दशा में नाम काटे जाने से उन्हें मतदान से वंचित होना पड़ता है। उधर घर बैठक कर मतदाता सूची का पुनरीक्षण करने में बीएलओ गांव के किसी एक व्यक्ति की बात पर ही मतदाताओं का नाम काटने और जोड़ने में जुटे हैं। हालांकि जिला निर्वाचन कार्यालय को ऐसी शिकायत नहीं मिली है।

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लोकतंत्र के महा उत्सव की तैयारियों को मुकम्मल किए जाने में जिला निर्वाचन कार्यालय ने पूरी ताकत लगा दी है। भारत निर्वाचन आयोग की मंशा के अनुरूप पहली सितंबर से आगामी 31 अक्टूबर के बीच दो माह तक मतदाताओं का सत्यापन किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी बीएलओ को सौंपी गई है। इसका मकसद बोगस समेत पलायित, मृतक, विवाहित पुत्रियों तथा दोहरे पंजीयन वाले मतदाताओं को महाभियान के दौरान बाहर कर रास्ता दिखाया जाएगा। वहीं युवाओं को मतदाता बनाने में खास तौर पर महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया जाना है। हालांकि जिला निर्वाचन कार्यालय की सख्ती और चुनाव आयोग की मंशा को बीएलओ पलीता लगाने पर तुले हैं। घर-घर मतदताओं का सत्यापन करने के लिए गांव पहुंचना तो दूर बीएलओ अपने घर पर बैठकर सूची दुरुस्त कर रहे हैं। ऐसे में चुनाव नजदीक आने पर बीएलओ की लापरवाही का खामियाजा मतदाताओं तथा अधिकारियों को भुगतना पड़ सकता है। भारत निर्वाचन आयोग की मंशा के अनुसार दो माह तक जिलेभर में मतदाता नामावली का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान चलेगा। पहली सितंबर से आगामी चार जनवरी 2019 के बीच वाले महाभियान को सफल बनाने के लिए चुनाव आयोग ने तिथिवार कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए राजनीतिक दलों के साथ बैठक करते हुए प्रतिनिधियों को मतदाता नामावली की सूची भी प्रदान कर दी गई है। ताकि राजनीतिक दल के बीएलए और जिला निर्वाचन कार्यालय के बीएलओ आपसी तालमेल करते हुए गांवों में सभी को मतदाता बनाएं तथा वास्तविकता के आधार पर मतदाताओं का नाम सूची से विलोपित करें। निर्वाचन आयोग ने पहली सितंबर से बूथ लेवल अधिकारियों को घर-घर भ्रमण कर मतदाता नामावली के मतदाताओं का सत्यापन करने को कहा है। हालांकि बीएलओ के भ्रमण की हकीकत रहीं कि क्षेत्र में बीएलओ नहीं पहुंचे हैं। उप जिला निर्वाचन अधिकारी गिरिजेश कुमार त्यागी ने बताया कि बीएलओ को घर-घर भ्रमण कर पुनरीक्षण के लिए सख्त निर्देश दिया गया है। इसमें लापरवाही की जा रही है, तो निरीक्षण कर सख्त कार्रवाई करूंगा।


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