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पंचायत भवन में भूसा व कंडे का ढेर

मालीप र (अंबेडकरनगर) : जिम्मेदारों के गैरजिम्मेदाराना रवैये की बदरंग तस्वीर देखना हो तो

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 May 2018 11:02 PM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 11:02 PM (IST)
पंचायत भवन में भूसा व कंडे का ढेर
पंचायत भवन में भूसा व कंडे का ढेर

मालीप र (अंबेडकरनगर) : जिम्मेदारों के गैरजिम्मेदाराना रवैये की बदरंग तस्वीर देखना हो तो सुरहुरपुर में ग्रामीणों की सुविधा के लिए बनाया गया पंचायत भवन देखने आइए। पंचायत भवन के हर कमरे में भूसा भरा है। वहीं बरामदे से लेकर सामने तक कंडों के ढेर लगे हुए हैं। इसे विडंबना ही कहे जहां ग्राम पंचायत के प्रत्येक मुखिया और उसके परिजनों से जुड़े अति महत्वपूर्ण फाइलें और कागजात रखे जाने थे, वहीं जानवरों का चारा और कंडा पंचायत भवन का शोभा बढ़ा रहे है। दशक पूर्व में लाखों की धनराशि से बना ग्रामीण सचिवालय के रूप में कराए गए इस पंचायत भवन तक विकास खंड के जिम्मेदारों के कदम तक न पड़ सके। किसी ने यह जानने की जहमत तक नहीं उठाई कि पंचायत भवन का लाभ ग्रामीण को मिल रहा है कि नहीं? पंचायती व्यवस्था लागू होने के उपरांत ग्राम पंचायतों में बजट उपलब्ध होने पर ग्राम सचिवालय पंचायत भवन निर्मित कराए गए ताकि ग्रामीणों को परिवार रजिस्टर की नकल, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र साथ ही विकास कार्यों से जुड़ी तमाम योजनाएं और उनसे क्रियांवयन की जानकारी महत्वपूर्ण बैठक आदि एक निश्चित स्थान पर हो सके। इसके लिए एक बड़े हाल के साथ दो कमरे एक बरामदा शौचालय निर्माण के साथ पेयजल के लिए हैंडपंप लगवाया गया। भवन निर्माण के साथ ही विकास खंड जलालपुर के जिम्मेदारों से लेकर जिला विकास विभाग तक के जिम्मेदारों ने इस भवन से मुंह मोड़ लिया और भवन लावारिस हो गया। पंचायतीराज व्यवस्था की अति महत्वाकांक्षी योजना गांव में मिनी सचिवालय बनाए जाने की यह योजना भवन निर्माण तक ही सीमित रह गई। राकेश पांडेय, बंगाली पांडेय, विजय कुमार मौर्य, गोपाल पांडेय, संजय कुमार मिश्र आदि ग्रामीणों ने पंचायत भवन की दुर्दशा के लिए प्रथम ²ष्टया ग्राम प्रधानों को ही दोषी ठहराया।

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-पंचायत भवन के लिए रास्ता भी नहीं

-मालीपुर : पंचायत भवन तक पहुंचने के लिए कोई माकूल रास्ता भी नहीं है। गांव के पश्चिमी छोर पर मौर्य बस्ती के पीछे मझुई नदी के कछार में शिवाला घाट पर बनाए गए इस पंचायत भवन पर पहुंचना दुर्गम है। निर्माण के समय जिम्मेदारों ने निरीक्षण के बावजूद पंचायत भवन तक चार चक्का से पहुंचने के रास्ते की अनदेखी करते रहे और मनमर्जी तरीके से ऐसी जगह भवन का निर्माण करा दिया, जहां जिम्मेदारों को छोड़ गांववासी भी नहीं पहुंच सकते।

-आबादी से दूर होने के कारण स्थिति बदहाल: ग्राम प्रधान-

मालीपुर : ग्राम प्रधान नगेंद्र गौड़ ने बताया कि आने-जाने का रास्ता, पंचायत भवन पर अवैध कब्जा, साफ-सफाई व्यवस्था दुरुस्त न होने से कामकाज शुरु नहीं किया जा सका। पंचायत भवन में कामकाज हो सके चहारदीवारी की सुरक्षा जरूरी है। गांव से बाहर नदी के किनारे आबादी से दूर होने के कारण सरकारी अभिलेखों का रखरखाव मुश्किल है।


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