आठ दिनों में मात्र 22 किसानों ने बेचा धान
सरकारी क्रय केंद्रों पर पिछले आठ दिनों में महज 22 किसानों ने धान बेचा है।
अंबेडकरनगर: सरकारी क्रय केंद्रों पर पिछले आठ दिनों में महज 22 किसानों ने धान बेचा है। वहीं मनमानी और लापरवाही के चलते कई क्रय केंद्रों पर अभी तक बोरे ही नहीं पहुंच सके हैं। इससे धान की खरीद ठिठकी हुई है।
जिले में धान की खरीद 15 अक्टूबर से शुरू हो गई है। पांचों तहसील क्षेत्र में कुल 37 केंद्र बनाए गए हैं। लेकिन अब तक महज दो क्रय केंद्रों पर ही खरीद शुरू हो सकी है। इनमें भारतीय खाद्य निगम के केंद्र सिझौली नवीन मंडी में 889 क्विटल और खाद्य विपणन विभाग के क्रय केंद्र बेवाना पर 91 क्विटल धान की खरीद हुई है। इन दोनों केंद्रों पर 22 किसानों ने अपना धान बेचा है और सभी को भुगतान भी मिल गया है। इसके अलावा 35 केंद्रों पर पूरी तरह सन्नाटा पसरा है। कई केंद्रों पर अभी तक पीसीएफ ने बोरा ही नहीं उपलब्ध कराया है। वहीं दूसरी तरफ किसानों की सुविधा के लिए और 30 क्रय केंद्र बढ़ाने की तैयारी की जा रही है।
-एक से दो दिन में बढ़ेंगे और 30 केंद्र : किसान अपनी उपज पास में बेच सकें, इसलिए 37 के अलावा 30 और केंद्र स्थापित करने की तैयारी पूर्ण कर ली गई है। जिले में कुल एक लाख 40 हजार मीट्रिक टन का लक्ष्य मिला है।
नहीं पहुंचा बोरा, नदारद रहे प्रभारी-
भियांव: क्षेत्र के साधन सहकारी समिति किशुनपुर कबिरहां में धान खरीद के एक सप्ताह बाद भी बोहनी नहीं हो सकी है। सचिव सुनील कुमार सिंह नदारद रहे। यहां अभी तक बोरे की खेप नहीं पहुंची है। बरामदे में खाली कुर्सियां और कांटा सरकारी व्यवस्था को मुंह चिढ़ाता नजर आ रहा है। जलालपुर, रफीगंज, मुंडेहरा, नेवादा आदि बाजारों में किसान 10 से 11 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से धान बेचने को मजबूर हैं। किसान व बंदीपुर प्रधान जयप्रकाश सिंह, भुजगी निवासी अवनीश तिवारी ने बताया कि धान 15 दिन से तैयार है। लेकिन समिति की तरफ से अभी खरीद नहीं हो रही है।
-क्रय केंद्र बनाने की मांग-
भीटी: वरिष्ठ भाजपा नेता रमाशंकर सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने एडीएम से मुलाकात कर कटेहरी क्षेत्र के साधन सहकारी समितियों पर क्रय केंद्र खोलने की मांग की। रमाशंकर सिंह ने बताया कि साधन सहकारी समिति औरंगनगर, डोमनेपुर तथा कटेहरी ब्लॉक मुख्यालय स्थित प्रतापपुर चमुर्खा को धान क्रय केंद्र नहीं बनाया गया है। पूर्व में यहां क्रय खोले जाते थे। इससे किसानों को धान बेचने में सहूलियत होती थी। प्रतिनिधिमंडल में श्रवण क्षेत्र मंडल अध्यक्ष सुभाष वर्मा, रवींद्र पांडेय, राजेश सिंह आदि शामिल थे।