पोषक आहार तैयार करने में आत्मनिर्भर बनने को बढ़े कदम
टेक होम राशन योजना का दामन थामकर जनपद पोषक आहार तैयार करने में स्वालंबी बनाने की मुहिम तेज हो गई है।
अंबेडकरनगर : टेक होम राशन योजना का दामन थामकर जनपद पोषक आहार तैयार करने में आत्मनिर्भर बनने की ओर कदम बढ़ा रहा है। चार ब्लाकों में 90-90 लाख रुपये खर्च कर पोषक आहार बनाने की मशीनें लगेंगी। इसके उत्पादन व वितरण में केंद्रीकृत प्रणाली से छुटकारा मिलने के बाद अब ब्लाक स्तर पर राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) को कमान मिली है। इससे 47 हजार 361 गर्भवती और धात्री महिलाओं व दो लाख 63 हजार 977 बच्चों को फायदा मिलेगा। स्थानीय स्तर पर पोषक आहार के उत्पादन से यहां के लोगों की पसंद का स्वाद मिल सकेगा। एनआरएलएम उपायुक्त आरबी यादव ने बताया कि शासन की मंशा को साकार करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
चार ब्लाकों में लगेगा प्लांट : नौ ब्लाकों के सापेक्ष जनपद के चार ब्लाकों में ही पोषक आहार बनाने के लिए प्लांट लगाया जाएगा। इन्हीं ब्लाकों के प्लांट से आसपास के ब्लाक में पोषक आहार की आपूर्ति होगी। अकबरपुर ब्लाक के प्लांट से टांडा व बसखारी, कटेहरी के प्लांट से भीटी, जलालपुर के प्लांट से भियांव और जहांगीरगंज के प्लांट से रामनगर को पोषक आहार दिया जाएगा।
---समृद्ध होगा रोजगार : राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) का हाथ पकड़ धरातल पर उतरने वाली इस योजना में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इसकी कमान स्वयं सहायता समूह की महिलाएं संभालेंगी। इसमें समूह की 25 से 30 महिलाएं काम करेंगी। इससे इतर वितरण के लिए वाहन चालक, चौकीदार, राशन ढुलाई आदि में भी लोगों को रोजगार मिलेगा।
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विभाग देगा कच्चा माल : बाल विकास एवं महिला कल्याण पुष्टाहार विभाग की मददगार बनकर यह योजना पोषक आहार तैयार करेगी। इसमें कच्चा माल आइसीडीएस विभाग देगा। पिछली सरकारों में पोषक आहार के उत्पादन एवं आपूर्ति का ठेका राज्य स्तर पर एक संस्था के पास रहा है। वर्तमान सरकार में इस केंद्रीकृत व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है। गत नवंबर से पोषक आहार बंद है। अभी गेहूं, चावल, दाल और तेल बांटा जा रहा है।
-प्लांट के लिए भवन की तलाश : टेक होम राशन प्लांट लगाने के लिए करीब पांच हजार वर्ग फीट में 25 फीट चौड़ा, 45 फीट लंबा एवं 13 फीट ऊंचा हाल के अलावा इतना ही बड़ा एक गोदाम भी चाहिए। सरकारी भवन नहीं मिलने पर विभाग 20 हजार रुपये मासिक किराए पर भवन लेगा। अभी सरकारी भवन के साथ राइस मिल की तलाश सबसे बड़ी चुनौती है।