पुराने पंचायत भवन बदहाल, नये बनाने में खपा रहे बजट
पुराने भवनों के खिड़की दरवाजे और संसाधन चोरी हुए। अवैध कब्जा कर सरकारी भवनों का निजी इस्तेमाल हो रहा।
अंबेडकरनगर : पंचायत भवन निर्माण को लेकर जिले में भूमि और गुणवत्ता पर नया विवाद खड़ा हुआ है। इसके पहले गांवों में बनाए गए पंचायत भवनों की सुध विभाग को नहीं है। जबकि करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए पंचायत भवन बदहाल हैं। इन्हें अतिक्रमण मुक्त बनाकर पंचायत की बैठकें और योजनाओं का संचालन करने के बजाए नए पंचायत भवन बनाने में सरकारी मशीनरी बजट खपाने में जुटी है। भीटी विकास खंड में पूर्व में निर्मित पंचायत भवनों की स्थिति इसकी नजीर है।
ब्लॉक क्षेत्र की विभिन्न ग्राम पंचायतों में अलग-अलग वर्षों में पांच से लेकर 14 लाख रुपये की लागत से 43 पंचायत भवनों का निर्माण हुआ है। देखरेख के अभाव में भवन उपेक्षित होकर जर्जर हो गए। सरकारी भवनों पर अवैध कब्जा कर लोग निजी तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। इनमें भूसा, लकड़ी रखने के साथ बकरी, भेड़ व मवेशी आदि बांध रहे हैं। ग्रामीण यहां उपले पाथते हैं। खिड़की, इनके शीशे, दरवाजे, फर्नीचर और बिजली चालित उपकरण चोरी हो चुके हैं। ऐसे में अराजकतत्वों के लिए यह मुफीद स्थान भी बन गए हैं।
बहरहाल, वर्तमान में 47 गांवों में पंचायत भवन निर्माणाधीन हैं। इसके लिए प्रति भवन 22 लाख 53 हजार रुपये की दर से 10 करोड़ 58 लाख 91 हजार रुपये लागत तय है। यह धनराशि निर्गत भी हो चुकी है।
पंचायत भवन बनाने का मकसद : गांवों में पंचायत भवन बनाने का मकसद ग्रामीणों को गांव में ही खतौनी की नकल, टीकाकरण, मासिक बैठक व सरकारी योजनाओं की जानकारी आदि उपलब्ध कराना है। इसके लिए सरकारी धन से इसे फर्नीचर, आलमारी समेत सभी संसाधनों से युक्त किया गया था लेकिन, उक्त सभी संसाधन गायब हैं।
एडीओ पंचायत भीटी अमर बहादुर तिवारी ने बताया कि ज्यादातर पुराने पंचायत भवन जर्जर हो चुके हैं। उन्हें मरम्मत कर दुरुस्त किया जाएगा। नए भवन का काम चल रहा है। कुछ पर विवाद सामने आया है, जिसे हल करने का प्रयास किया जा रहा है।