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धरातल पर एक लाख 10 हजार घर वंचित

अंबेडकरनगर : स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत गांवों को खुले में शौचमुक्त बनाए जाने का

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 09:48 PM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 09:48 PM (IST)
धरातल पर एक लाख 10 हजार घर वंचित
धरातल पर एक लाख 10 हजार घर वंचित

अंबेडकरनगर : स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत गांवों को खुले में शौचमुक्त बनाए जाने का अभियान तेजी से चल रहा है। अधिकारी भी बेसलाइन सर्वे के आंकड़ों को पूरा करने में शिकंजा कसे हैं। शौचालय निर्माण को लेकर बजट भी पानी की तरह बहाया जा रहा है। हालांकि बेसलाइन सर्वे के आधार पर शौचालय निर्माण का लक्ष्य पूरा करने के बाद भी गांवों को ओडीएफ घोषित करना छलावा ही साबित होगा। वजह धरातल पर शौचालयविहीन परिवारों की संख्या काफी अधिक है। पंचायतीराज विभाग के पास फिलहाल मौजूद आंकड़ों पर ही गौर किया जाए तो अभी एक अरब रुपये से अधिक की दरकार है।

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गौरतलब है कि वर्ष 2012 में हुए बेसलाइन सर्वे के आधार पर शौचालयविहीन परिवारों को चिन्हित किया गया था। इस दौरान भी बड़ी संख्या में शौचालयविहीन परिवारों को छोड़ दिया गया था। इसकी वजह रही कि पूर्व की योजना में शौचालय से आच्छादित किए जाने का दावा किया गया था। यहां बताना होगा कि दशकभर पूर्व शौचालय निर्माण के नाम पर 500 रुपये से लेकर 1500, 2100 तथा नौ हजार रुपये तक अनुदान दिया जाता रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि 2100 रुपये में बनाए गए शौचालयों का धरातल पर वजूद ही नहीं है। जबकि बेसलाइन सर्वे में इन परिवारों को छोड़ दिया गया था। मौजूदा हालात में शासन छह साल पुराने आंकड़े पर ही गांवों को ओडीएफ बनाने की जंग लड़ रहा है। जबकि फिलहाल में पंचायतीराज विभाग के पास बेसलाइन सर्वे से इतर करीब एक लाख 10 हजार परिवार शौचालय सुविधा से वंचित हैं। इसके आधार पर ही करीब एक अरब रुपये से अधिक की धनराशि की जरूरत है। हालांकि यह आंकड़े भी पुराने हैं, लिहाजा शासन की मंशा पर पंचायतरीराज विभाग नए सिरे से गांवों में शौचालयविहीन परिवारों को चिन्हित करने में जुटा है। माना जा रहा है कि अभी भी दो लाख से अधिक परिवारों में शौचालय की सुविधा नहीं है। जिला पंचायतराज अधिकारी रामआशीष चौधरी ने बताया कि एक लाख से अधिक परिवारों के पास शौचालय नहीं होने की रिपोर्ट शासन को भेजी गई। हालांकि आगामी सात नवंबर तक गांवों से शौचालयविहीन परिवारों के वास्तविक आंकड़े कर लिए जाएंगे। इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।


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