मरीजों के बेड पर चादर नहीं, वार्ड के बाहर कूड़े का ढेर
जिला चिकित्सालय में सफाईकर्मियों की लापरवाही से व्यवस्था ध्वस्त हुई। वार्डों के आसपास खुले में मेडिकल कचरा और कूड़ा-करकट फेंका जा रहा है।
अंबेडकरनगर : कोरोना से बचाव के लिए साफ-सफाई घर से लेकर अस्पतालों तक जरूरी है। लेकिन जिला चिकित्सालय में इसकी खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। वार्डों के आसपास मेडिकल कचरा के साथ कूड़ा-करकट खुले में फेंका जा रहा है। इससे संक्रमण का खतरा और अधिक बढ़ जाता है। वार्डों की व्यवस्था भी बदतर है। बेड पर चादर तक नहीं बिछाया जा रहा। इन समस्याओं से मरीजों को रोजाना दो-चार होना पड़ रहा है।
चिकित्सालय में मरीजों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिमाह लाखों रुपये व्यय हो रहे हैं। लेकिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों की लापरवाही से इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। अवकाश के दिन व्यवस्था और अधिक लचर हो जाती है। रविवार को जागरण ने जिला चिकित्सालय के वार्डों का पड़ताल किया तो तमाम खामियां सामने आईं। इमरजेंसी वार्ड में अधिकांश मरीजों के बेड पर चादर नहीं बिछा था। मरीजों ने बताया कि छुट्टी के दिन कोई भी सफाई कर्मी नहीं आता है। इससे वार्ड की सफाई भी नहीं हो पाती है। वार्डों के आसपास कचरे का ढेर लगा रहा। इसकी सफाई की तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। इस बावत सीएमएस डॉ. पीएन यादव ने बताया कि बेडों पर चादर रोजाना बदलने का निर्देश वार्ड ब्यॉय को दिया गया है। शिकायत मिली है इस पर संबंधित कर्मचारियों एवं सफाई कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।