राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन पुल टूटा
अंबेडकरनगर : टांडा से बांदा के लिए निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग 233 पर बना निर्माणाधीन प
अंबेडकरनगर : टांडा से बांदा के लिए निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग 233 पर बना निर्माणाधीन पुल घटिया गुणवत्ता के चलते टूट गया। जिलाधिकारी सुरेश कुमार ने अधिकारियों की तकनीकी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर इसका जायजा लिया। निर्माण कार्य में खामीं की जांच के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जनपद स्तरीय टीम का गठन किया है। इसके अलावा उच्च स्तरीय तकनीकी जांच कराने के लिए शासन को भी पत्र लिखा है। ज्ञातव्य है कि निर्माणाधीन एनएच 232 यहां टांडा से निकलकर जिला मुख्यालय होते हुए बांदा तक बन रहा है। जिला मुख्यालय के निकट अफजलपुर गांव में तमसा नदी पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से पुल का निर्माण कराया गया है। इसके निर्माण में खामियां शुरूआती दौर से ही उजागर होने लगी हैं। गत दिनों दैनिक जागरण ने भी सड़क और पुलिया के टूटने की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिलाधिकारी ने सोमवार को नगर के पास बाईपास का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान तमसा नदी पर बना पुल गुणवत्ता विहीन होने के कारण टूट मिला। इस पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने एसडीएम सदर अभिषेक पाठक, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता संघर्षण लाल और राजकीय निर्माण निगम के परियोजना प्रबंधक की कमेटी गठित की है। जिलाधिकारी ने सड़क में बड़ी संख्या में गड्ढे होने के कारण लोगों के जख्मी होने को गंभीरता से लिया है। लिहाजा निर्माण गुणवत्ता की प्राथमिक हकीकत से शासन को अवगत कराते हुए निर्माण कार्य की जांच आदआइटी रुड़की की तकनीकी टीम से करने के लिए शासन को पत्र लिखा है।
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-पशु आश्रय स्थल का लिया जायजा : मुख्यमंत्री के महत्वाकांक्षी पशु आश्रय योजना को परवान चढ़ाने के लिए सरकारी मशीनरी पुरजोर पसीना बहा रही है। ऐसे में जिलाधिकारी सुरेश कुमार ने निर्माणाधीन पशु आश्रय स्थलों का औचक निरीक्षण किया। विकासखंड अकबरपुर की ग्राम पंचायत सिसवा तथा सैदपुर भीतरी में पहुंचकर निर्माण कार्यों की प्रगति तथा गुणवत्ता को परखा। अकबरपुर के खंड विकास अधिकारी राजीव कुमार को निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने आवश्यक दिशा निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पशुओं के चारा पानी का इंतजाम मुकम्मल होना चाहिए। पशु आश्रय स्थलों को यथाशीघ्र शुरू करने तथा पशुओं को नियमित उपचार सुविधा भी मुहैया कराने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि बेसहारा पशुओं को आश्रय स्थल तक लाने तथा यहां सुविधा मुहैया कराने की जिम्मेदारी ब्लॉक तथा तहसील स्तरीय कमेटियों की होगी। जिलाधिकारी ने इसमें ग्राम प्रधानों से भी भरपूर सहयोग करने को कहा।