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इकड़ी सुरक्षा के बीच निकला आठवीं मुहर्रम का जुलूस

अंबेडकरनगर : जिले में आठवीं मुहर्रम का मातमी जुलूस विभिन्न कस्बों में निकला। जुलूस में नौजव

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 10:07 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 10:07 PM (IST)
इकड़ी सुरक्षा के बीच निकला आठवीं मुहर्रम का जुलूस
इकड़ी सुरक्षा के बीच निकला आठवीं मुहर्रम का जुलूस

अंबेडकरनगर : जिले में आठवीं मुहर्रम का मातमी जुलूस विभिन्न कस्बों में निकला। जुलूस में नौजवानों, बच्चों ने कमा, जंजीर व ब्लेड से मातम कर खुद को लहूलुहान कर लिया। इसमें अंजुमनों के सदस्यों ने नौहा पढ़कर जुलूस को गमगीन कर दिया।

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नगर के मीरानपुर बड़े इमामबाड़े से प्रात: चार बजे निकला आठवीं मुहर्रम का मातमी जुलूस पेवाडा, अहिराना, कुंजगली, तहसील तिराहा होकर चौक शहजादपुर पहुंचा। कटारिया हाउस अब्दुल्लापुर से मोहम्मद हसन जैदी, यावर जैदी, दिलावर जैदी की ओर से निकाला गया। इसमें अंजुमनों के सदस्यों ने मातम किया। अंजुमन अकबरिया के नौजवानों और छोटे-छोटे बच्चों ने कमा, जंजीर, ब्लेड से मातम कर खुद को लहूलुहान कर लिया। अब्दुल्लाहपुर से आने वाले जुलूस में अंजुमन हैदरिया के हसन अल़वी व मीसम अली आदि ने नौहा पढ़ा। जुलूस का नेतृत्व हसन अस्करी मजलिसी, हाजी सज्जाद हुसैन, मोहम्मद अस्करी नकवी, ग़ालिब अब्बास, मौलाना हसन मुर्तजा कामरान, रेहान जैदी, अहमद हसन बब्बी आदि ने किया। प्रात: निकला जुलूस मध्यान्ह में भीड़ के साथ अपने गंतव्य पर पहुंचा। सुरक्षा व्यवस्था हेतु पर्याप्त संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। स्वास्थ्य महकमे की ओर से मौजूद एंबुलेंस में चिकित्सकों ने गंभीर रूप से घायल अजादारों का उपचार किया। सिकंदरपुर में इमामबारगाह से निकले जुलूस में गौहर जैदी आदि ने नौहा पढा़ और अली मेहदी ने तकरीर किया। अंजुमन के लोगों

ने छप्पन छुरी का मातम किया। जलालपुर : क्षेत्र के भाऊकुआ, सोनगांव व उफरौली में कदीमी जुलूस निकला। सैय्यद अबुल हसन उर्फ मुस्सन के अजाखाने से मौलाना जामिन अब्बास की मजलिस के बाद अंजुमन लश्कर-ए-हुसैनी ने नौहाख्वानी व सीनाजनी किया। जुलूस में अबरार हुसैन, सिकंदर हुसैन, जातिन अब्बास का सहयोग रहा।

------------दसवीं मुहर्रम की तैयारी तेज-

जलालपुर : दसवीं मुहर्रम की तैयारी में नगर के शिया बाहुल्य जाफराबाद, उसमापुर, वाजिदपुर म ं बुधवार से ही ताजिया संवारने का काम शुरू कर दिया गया। गुरुवार कीदेर शाम नगर क्षेत्र के हजारों ताजिए स्थापित किए जाएंगे। दसवीं मुहर्रम को नजर रिवाज के बीच ताजिए दफन किए जाएंगे।

----------अधिकारियों ने किया निरीक्षण-

जलालपुर : बुधवार को सीओ अमरबहादुर व प्रभारी निरीक्षक नीरज ¨सह ने चिलवनिया स्थित बड़ी दरगाह समेत मालीपुर, रफीगंज, नेवादा क्षेत्रों में व्यवस्था का जायजा लिया। भियांव स्थित सैय्यद मसऊद शाह हमदानी की दरगाह से गुजरने वाले जुलूस को देखते हुए सीओ ने जर्जर तारों को तत्काल बदलने का निर्देश विद्युत विभाग को दिया। उपजिलाधिकारी संतोष कुमार ¨सह ने राजस्व कर्मियों को अपने हल्के की व्यवस्था की जानकारी देने के निर्देश दिए।

-----------सबील का आयोजन-

अंबेडकरनगर : जलालपुर तहसील क्षेत्र के कटघरमूसा में अंजुमन गुंच-ए-ह सैनी के तत्वधान में नजरे इमाम हुसैन

क तौर पर सबील का आयोजन किया गया। कार्यक्रम से जुड़े अंजुमन के सचिव अ•ादार हुसैन के अनुसार मैदान-ए-कर्बला में अब से लगभग 1400 वर्ष पूर्व हजरत इमाम हुसैन और उनके जांनिसारों को भूखा प्यासा शहीद कर दिया गया था।

-------------शाम को रखा जाएगा ताजिया।

अंबेडकरनगर : नौवीं मुहर्रम गुरुवार को जनपद भर के इमाम चौक, इमामबारगाह, मस्जिद व अजाखानों में इमाम हुसैन की समाधि का प्रतीक ताजिया सायंकाल रखा जाएगा। मोहल्ला शहजादपुर पूरब में शाह चांदमियां के नाम से मशहूर सबसे बड़ा व भव्य ताजिया अकीदतमंदों द्वारा तैयार कर रखा जाता है। इसके अतिरिक्त नगर के सभी इमाम चौकों पर ताजिए रखे जाएंगे। पेवाड़ा मीरानपुर में मुनीर अहमद अंसारी, शौकत शाह, जाबिर शाह आदि द्वारा, पक्का चौक नंबर एक पर जमील अहमद आदि द्वारा, पक्का चौक नंबर 2 पर सिरताज अली राजा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के समक्ष चौक पर फै•ा खान के अलावा बड़ा इमामबाड़ा में अंजुमन अकबरिया द्वारा, इमामबाड़ा बैतूल अजा में डॉ. कासिम हुसैन, दिलवर हुसैन, एजाज हुसैन, हसन रजा आदि द्वारा रखा जाएगा।

-------------दहकते अंगारों पर मातम आज-

अंबेडकरनगर : मोहल्ला अब्दुल्लाहपुर स्थित पंचायती इमामबारगाह के सामने गुरुवार की रात्रि 10 बजे दहकते हुए अंगारों पर अंजुमन हैदरिया के लोग मातम करेंगे और इमाम चौक पर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए ताजिया बैठाया जाएगा।

--------मजलिस का आयोजन-

जलालपुर : कस्बे में आठवीं मुहर्रम पर मजलिस को संबोधित करते हुए मुंबई से आए मौलाना शेख जफर अब्बास ने कहा कि अजादारी हक परस्ती की अलामत है। कहा कि पैगाम कर्बला दुनिया में उतना ही प्रासंगिक है, जितना 1400 साल पहले था। इस्लामी देशों में खून का बाजार आज भी गर्म है। आतंकवादी गतिविधियों से बेगुनाह इंसानों पर जुल्म ज्यादती की जा रही है। मासूम बच्चों, महिलाओं, उम्रदराज लोगों को निशाना बनाया जाता है तो मानवता कांप उठती है। यदि पैगामे कर्बला पर दुनिया अमल कर लें तो अन्याय, अत्याचार, आतंकवाद खत्म हो सकता है। मौलाना ने ह•ारत इमाम हुसैन ने अपने जीवन को मानवता की सेवा व

अन्याय, अत्याचार को समाप्त करने के लिए तीन दिन की भूख प्यास को बर्दास्त करते हुए मैदान कर्बला में कुर्बान कर दिया। उनके जीवन आदर्शों को अपनाते हुए हमें भी अत्याचार का विरोध करना चाहिए। अंजुम आलेएबा ने आसिफ जमाल देहलवी का नौहा पढ़ते हुए मातम व सीनाजनी किया।


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