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मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ रहा स्वच्छता अभियान

अंबेडकरनगर : राज्य सरकार भारत स्वच्छता अभियान में स्वच्छ चयनित सरकारी अस्पतालों को कायाक

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 10:04 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 10:04 PM (IST)
मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ रहा स्वच्छता अभियान
मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ रहा स्वच्छता अभियान

अंबेडकरनगर : राज्य सरकार भारत स्वच्छता अभियान में स्वच्छ चयनित सरकारी अस्पतालों को कायाकल्प अवार्ड बांट रही और यहां राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज में भारत स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ रही है। टांडा-बांदा राष्ट्रीय राज्य मार्ग पर सद्दरपुर गांव में महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन 11 वर्ष पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने किया था। डॉ. वीएन त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज के पहले प्रधानाचार्य होकर आए थे। जैसे किसी बच्चे की देखभाल की जरूरत होती है उसी तरह से उन्होंने मेडिकल कॉलेज की शैशव काल में देखभाल किया। योग्य चिकित्सक, पर्याप्त दवाएं रही। मेडिकल कॉलेज की साफ-सफाई भी चमाचम रहती थी। मेडिकल कॉलेज की शोहरत अन्य जनपदों तक पहुंच गई। इसी का नतीजा है कि स्थानीय रोगी तो मेडिकल कॉलेज में भर्ती हो ही रहे हैं, अन्य जनपदों बस्ती, संतकबीरनगर, कादीपुर, सुल्तानपुर से रोगी आकर भर्ती हो रहे हैं। मेडिकल कॉलेज के सभी वार्डों के सामने रोगियों तीमारदारों के लिए शौचालय बनाए गए हैं। शौचालयों के सफाई का आलम ये है कि रोगी भर्ती वार्डों के सामने के बने शौचालयों के सामने से गुजर भर जाइए, दुर्गंध ही बता देती है कि यहां शौचालय है। नाक, मुंह बंद कर रोगी, तीमारदार शौचालय जा रहे हैं। शौचालयों की दीवार काली पड़ गई है। सीटें काली हो गई है। फलैश सिस्टम का पता नहीं है। हाथ धोने के लिए बने वाश बेसिन के ऊपर न पानी की टोटी है न नीचे पानी गिरने के लिए पाइप। स्नानगृहों में कबाड़ ही कबाड़ है। स्नान गृह गंदे है। गंदे बाथरूमों में तीमारदार स्नान करने को विवश हो रहे हैं। यहीं पर बर्तन भी धो रहे हैं। महिलाओं, पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय बने हैं। महिला शौचालयों में ताले लटकते रहने के कारण महिला पुरुष एक ही शौचालय का प्रयोग कर रहे हैं। गांव से आने वाले लोग इस व्यवस्था से सामंजस्य न बना पाने के कारण परिसर की झाड़ियों में शौच के लिए जाते अक्सर दिख जाते हैं। मेडिकल कॉलेज में गंदगी का आलम क्या है यह तस्वीरें खुद-ब-खुद बयां कर रही है।

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जिम्मेदार का कहना है-

प्राचार्य डॉ.पीके ¨सह ने कहा कि स्वच्छता अभियान के तहत तो कुछ नहीं हो रहा है, लेकिन यहां तो रूटीन के तहत प्रतिदिन साफ-सफाई हो रही है।महिला शौचालय में ताला बंद होने की बात से भी इंकार कर रहे हैं। उनका दावा है कि हम लोग स्वच्छता पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।


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