अल्लाह ने रसूल को अपना नायाब बनाकर भेजा
अल्लाह ने रसूल को अपना नायाब बनाकर भेजाअल्लाह ने रसूल को अपना नायाब बनाकर भेजाअल्लाह ने रसूल को अपना नायाब बनाकर भेजाअल्लाह ने रसूल को अपना नायाब बनाकर भेजाअल्लाह ने रसूल को अपना नायाब बनाकर भेजाअल्लाह ने रसूल को अपना नायाब बनाकर भेजाअल्लाह ने रसूल को अपना नायाब बनाकर भेजाअल्लाह ने रसूल को अपना नायाब बनाकर भेजाअल्लाह ने रसूल को अपना नायाब बनाकर भेजाअल्लाह ने रसूल को अपना नायाब बनाकर भेजाअल्लाह ने रसूल को अपना नायाब बनाकर भेजाअल्लाह ने रसूल को अपना नायाब बनाकर भेजाअल्लाह ने रसूल को अपना नायाब बनाकर भेजाअल्लाह ने रसूल को अपना नायाब बनाकर भेजाअल्लाह ने रसूल को अपना नायाब बनाकर भेजा अल्लाह ने रसूल को अपना नायाब बनाकर भेजा अल्लाह ने रसूल को अपना नायाब बनाकर भेजा अल्लाह ने रसूल को अपना नायाब बनाकर भेजा अल्लाह ने रसूल को अपना नायाब बनाकर भेजा अल्लाह ने रसूल को अपना नायाब बनाकर भेजा
-मीरानपुर इमामबारगाह में मरहुमा कनीज फातेमा का सालाना मजलिस संपन्न
-चित्र : 3 एएमबी 09-
संसू, अंबेडकरनगर : मजलिस की शुरुआत शायरे अहलेबैत •ामिन जियपूरी के कलाम से हुई और संचालन आरि़फ अकबरपुरी ने किया। मजलिस को संबोधित करते मौलाना कल्बे रुशैद कुम्मी बिहार ने कहा हुए कहा कि दीन-ए-इस्लाम को बचाने के लिए हजरत इमाम हुसैन और उनके 71 जानिसारों ने कर्बला में शहादत देकर जुल्म और नाइंसाफी के खिलाफ आवाज बुलंद करने का पैगाम दिया। इसपर अमल करके जिदगी मिसाली बनाई जा सकती है।
मौलाना ने कहा कि अल्लाह ने रसूल को अपना नायाब बनाकर भेजा, वहीं रसूल ने मजहबे इस्लाम को मुकम्मल किया, जबकि उनके नवासे हजरत इमाम हुसैन ने कुर्बानी देकर दीने इस्लाम को बचाया। दौरान मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना ने कहा कि हर दौर में अलम की अहमियत रही है। हर दौर में नबी ने परचम को बुलंद किया। कर्बला की दास्तां सुन अजादार सिसक उठे, उन्होंने असीराने कर्बला पर हुए जुल्मों सितम बयां किए तो हुसैनी सोगवारों की आंखे अश्कबार हो गई। यहां जाफर र•ा, बशीर, शाहनवा•ा, मोहसिन, हसन र•ा, •ाीशान र•ा, यासिर, रेहान, पन्नू, अरबी, ़िफरो•ा र•ा, मोहसिन आदि मौजूद रहे।